जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...
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आबादी बढ़ी, सिमटता गया योजनाओं का दायरा
सीकर. सीकर जिले की आबादी हर साल दो लाख 67 हजार तो बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती आबादी के बीच जिन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत हैं, वो आज भी नहीं मिल पाई है। बात चाहे सड़क की हो, पेयजल निकासी की या फिर पार्किग व स्ट्रीटलाइट की। यह स्थिति हमें इसलिए भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि हर जेब में मोबाइल, घरों में टीवी, फ्रिज और वाहन की सुविधा लगातार...
More »जहां बरसता है बादल, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग-विजय मनोहर तिवारी
चेरापूंजी में सबसे ज्यादा बारिश होती है। फिर भी यहां पीने के पानी का संकट है। इसलिए क्योंकि लोगों की घरों में पानी बचाकर रखने की आदत नहीं है। यहां पहाड़ ही पानी का जरिया हैं। बहती धाराओं के नीचे बनाए गए कुंड या इनके नीचे खासतौर पर रखी टंकियों में पानी जमा होता है। फिर पीवीसी पाइपों से सीधे घरों में पहुंचता है। स्थानीय निवासी 50 वर्षीय केनी का सवाल...
More »झारखण्ड में भयावह हो चला है जल संकट
रांची. पूरे राज्य में गर्मी दस्तक दे रही है। इसके साथ ही पूरा राज्य गंभीर पेयजल संकट की ओर बढ़ रहा है। अभी तक सरकार ने शहरी जलापूर्ति के लिए कोई एक्शन प्लान भी नहीं बनाया है। हालांकि सरकार ने ग्रामीण पेयजल के लिए 13 करोड़ की योजना मंजूर की है, जिसके तहत हर पंचायत में दो डीप बोरिंग की जानी है। मगर शहर के लिए अभी तक कोई प्लान नहीं...
More »फिर जिंदा होंगे तालाब
पानीपत. जिले में अब पशुओं के लिए पीने व नहाने के पानी का संकट नहीं रहेगा। प्रशासन ने 36 तालाबों का कायाकल्प शुरू कर दिया है। मनरेगा के तहत इन तालाबों की सफाई व खुदाई का काम चालू कर दिया है। तालाबों की दशा सुधारने के लिए करीब 55 लाख 29 हजार 174 रुपए खर्च किए जाएंगे। सबसे ज्यादा पानीपत ब्लाक में 12 तालाबों की सफाई व खुदाई का काम...
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