राजनांदगांव (ब्यूरो)। छुरिया ब्लाक के ग्राम गुंडरदेही में कर्ज से लदे एक और किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इसके साथ ही किसानों के आत्महत्या का यह जिले में 9वां मामला है। इसके पहले भी अलग-अलग क्षेत्रों में आठ किसान कर्ज से परेशान होकर या फिर अन्य कारणों से जान दे चुके हैं। गुंडरदेही के किसान शत्रुहन देवांगन (60) की लाश सोमवार की सुबह ब्यारे में पेड़ से...
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नेहरू की विरासत का मूल्यांकन जरूरी - पुष्पेश पंत
पिछले लगभग डेढ़ साल से हमारे देश में बहस छिड़ी हुई है कि जबसे केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का गठन हुआ है, तभी से नेहरू की विरासत को नष्ट करने का षड्यंत्रकारी अभियान जारी है। मोटा-मोटा तर्क यह है कि नेहरू की विरासत का अभिन्न् अंग जनतांत्रिक संस्कार और धर्मनिरपेक्ष विचार है। इसका कोई मेल फासीवादी मानसिकता वाले सांप्रदायिक तत्वों से नहीं हो सकता। इसके अलावा...
More »तुम रिजेक्टेड हो, तुम किसान हो-- अजय शर्मा
वैसे भी तुम्हारी चीखें गांव के आसमान में खो जाने वाली हैं. हो सकता है कि लिखने से ये वहां तक पहुँच जाएं, जहां वो सुनने के बाद रिजेक्ट की जा सकें. मुझे याद है, बस यही ख्याल तब मेरे मन में थे. तेलंगाना में लिंगमपल्ली टांडा गांव के स्कूल में योगेंद्र यादव एक तरफ़ किसानों के दुख अपनी नोटबुक में दर्ज कर रहे थे. और उनसे कुछ दूर मैं इस बुज़ुर्ग...
More »कर्ज से परेशान किसान ने फांसी लगाकर जान दी
उज्जैन। कर्ज से परेशान एक किसान ने मंगलवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उस पर करीब डेढ़ लाख रुपए का कर्ज था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भैरवगढ़ टीआई राकेश कुमार नैन ने बताया मृतक का नाम मदनलाल पिता नाथूजी (45) निवासी ग्राम पिपलिया हामा है। वह सुबह करीब साढ़े पांच बजे खेत जाने का बोलकर निकला था। काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो बेटा मेहरबान...
More »दादरी कांड, 'भीड़-न्याय' और उसके खतरे! - एनके सिंह
पिछले 70 सालों में भारत में शायद ही कोई ऐसा नेतृत्व रहा हो, जिसे विदेशों में इतनी सकारात्मक उत्सुकता से देखा जा रहा हो, जितना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को। इसमें दो-तरफा वाणिज्य भी है और उभरते भारत की तस्दीक भी। जुकरबर्ग, पिचाई, नडेला बेमतलब ही फोटो खिंचवाने नहीं आते। मोदी विरोधियों को यह समझना पड़ेगा कि जब से भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ समेकित हुई है, कोई...
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