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आर्थिक प्राणवायु बनी नकदी-- मोहन गुरुस्वामी

देश के विभिन्न हिस्सों में एटीएम नकदी से रिक्त पड़े हैं और आम आदमी बेहाल है. तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में हालात ज्यादा कठिन हैं, जिनकी सीमाएं बड़े दांववाले आसन्न चुनावों के राज्य कर्नाटक से लगी हैं. इस किल्लत की सहज व्याख्या तो यही नजर आती है कि उपलब्ध नकदी कर्नाटक की जनता को सुशासन देने की स्पर्धा में लगे बड़े पक्षों के सुरसाकार मुखों का ग्रास बन गयी...

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नगदी के संकट का नोटबंदी से रिश्ता-- रौशन किशोर

पिछले कुछ दिनों से ऐसी बहुुत सारी खबरें आई हैं, जिनमें बताया गया है कि एटीएम काम नहीं कर रहे, जिससे यह डर एक बार फिर खड़ा हो गया है कि अर्थव्यवस्था में नगदी की किल्लत है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी करके ऐसी आशंकाओं का खंडन किया। इस बयान में कहा गया है कि पिछले तीन महीनों में नगदी की मांग असामान्य रूप से बढ़ी है।...

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अब दो हजार का नोट बनने लगा 'काला धन'

बृजेश दुबे, कानपुर। काला धन रोकने के लिए नोटबंदी के बाद बाजार में पेश किए गए 2000 रुपए के गुलाबी नोट ही अब काले धन में तब्दील होने लगे हैं। बैंक शाखाओं और करेंसी चेस्ट में आने वाली रकम में 2000 रुपए के नोटों की लगातार गिरती संख्या इसका राजफाश कर रही है। मार्च 2018 में बैंकों की करेंसी चेस्ट की बैलेंस शीट की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों में 2000 रुपए...

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बंद हो बौद्धिक विलासिता का बिटकॉइन-- भरत झुनझुनवाला

रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को आदेश दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक करेंसी जैसे बिटकॉइन में वे व्यापार न करें। इस इलेक्ट्रॉनिक करेंसी का ईजाद कुछ लोगों ने यह सोच कर किया था कि सरकार द्वारा बनाई गई करेंसी के अतिरिक्त लेन-देन का कोई दूसरा माध्यम बनाया जाये। लेकिन रिजर्व बैंक के प्रतिबन्ध से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार के ऊपर होकर नहीं चला जा सकता। पहले यह समझें...

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दलितों की नहीं, वोट बैंक की फिक्र - प्रदीप सिंह

जहां व्यक्तियों के निजी स्वार्थ बहुत महत्वपूर्ण हों और समाज का कोई स्वार्थ न हो, वहां अंतर्कलह होना कोई अनहोनी बात नहीं है। यह बात आज की राजनीतिक परिस्थिति पर सटीक बैठती है। राजनीतिक दलों के स्वार्थ समाज और देश के हित पर भारी पड़ रहे हैं। राजनीतिक दलों की आपसी प्रतिद्वंद्विता/प्रतिस्पर्द्धा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी भी है और जरूरी भी। संसदीय जनतंत्र में विपक्ष की भूमिका बड़ी अहम...

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