भारत में तकरीबन साढ़े सात करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों��� में बिजली नहीं है। बिजली के उत्पादन के लिए हम कोयले का आयात करते हैं। हम पूरे देश में बिजली का पारेषण करते हैं, जिसमें समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानि के तौर पर 25 फीसदी बिजली का नुकसान उठाना पड़ता है। जहां तक बिजली के दाम के सवाल है, तो यह जिन दामों पर बेची जाती है, वे बाजार...
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दस हजार पंचायतों में से सिर्फ 800 के पास इंटरनेट
रायपुर/राजनांदगांव/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में केवल 800 ग्राम पंचायतों को ही इंटरनेट से जोड़ा जा सका है। जबकि प्रदेश में कुल दस हजार 971 ग्राम पंचायतें हैं। वहीं, प्रदेश की आधे से अधिक ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर ही नहीं है। जिन पंचायतों में कम्प्यूटर है तो उसे ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटर नहीं हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी सूचना और संचार नेटवर्क...
More »अस्तित्व बचाने को जूझ रहीं "सभ्यता की जननी"
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जिनके आंगन में हजारों वर्षों से मानव सभ्यता फली-फूली, वे ही अपना अस्तित्व" बचाने को संघर्ष कर रहीं हैं। "सभ्यता की जननी" नदियों की हकीकत आज कुछ ऐसी ही है। जो हाल गंगा-यमुना का है वैसी पीड़ा में देश की 275 नदियां हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जीवनदायिनी नदियों की हालत सुधरने के बजाय बदतर हो रही है। इनको निर्मल और अविरल बनाने की राह...
More »बिजली बेशुमार, नहीं हैं खरीदार
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। राज्यों में बिजली कटौती की समस्या के लिए जो दवा सरकार अभी तक बताती रही है अब वही दर्द का कारण बन गई है। हाल फिलहाल तक केंद्र सरकार राज्यों पर बिजली कंपनियों के साथ लंबी अवधि का खरीद समझौता करने का दबाव बनाती रही है। देश के अधिकांश राज्यों ने दर्जनों बिजली कंपनियों के साथ इस बारे में समझौता भी किया। मोटे तौर पर राज्यों को...
More »बिजली वितरण कंपनियां ध्वस्त होने की कगार पर: एसोचैम
नई दिल्ली। एक वर्ष बीत जाने के बावजूद राजग सरकार राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों की खस्ताहाल स्थिति को सुधारने का कोई खाका पेश नहीं कर पाई है। बिजली वितरण क्षेत्र की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। इसका खामियाजा पूरा बिजली क्षेत्र और आम जनता भुगत कर रही है। कर्ज में दबी वितरण कंपनियां ज्यादा बिजली नहीं खरीद रही हैं। इससे पावर प्लांट क्षमता से काफी कम बिजली...
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