इस साल आलू की अच्छी फसल के बावजूद किसान बहुत परेशान हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक के किसान दस पैसे प्रति किलो आलू बेचने के लिए मजबूर हैं। हाल ही में पंजाब में किसानों ने जानवरों को ही आलू खिलाना शुरू कर दिया था। उधर उत्तर प्रदेश में सरकार ने इस बार आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया था। इसके बावजूद आगरा और मथुरा के इलाके में...
More »SEARCH RESULT
ढाई साल में ढाई गुणा बढ़ गया सरकारी बैंकों का एनपीए, ये कंपनियां हैं बड़ी कर्जदार
नयी दिल्ली : सरकार नए साल में बैंकिंग सुधारों के सिलसिले को जारी रख सकती है. इसके अलावा सरकार का इरादा एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियों) के बोझ से दबे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी निवेश करने का भी है, जिससे ऋण की मांग को बढाया जा सके. फिलहाल ऋण की वृद्धि दर 25 साल के निचले स्तर पर चली गयी है. सरकार ने इस साल अक्तूबर में बैंकों में 2.11...
More »बचत पर बाजार की नजर-- राजू पांडेय
अब आम आदमी का धन क्या बैंकों में सुरक्षित नहीं रहेगा? एफआरडीआइ विधेयक की बाबत इस सवाल पर चर्चा जारी है। सामान्यतया बैंक और उसके जमाकर्ताओं के हित परस्पर विरोधी नहीं होते, पर जब उद्योगपतियों को दिए गए विशाल कर्जों की माफी के लिए ‘बेलआउट पैकेज' और इस कारण दिवालियेपन के कगार पर पहुंचे बैंकों को बचाने के लिए ‘बेल इन' का सहारा लिया जाता है तब बैंकों और जमाकर्ताओं...
More »बैंकों के दिवालिया होने पर समग्रता से निपटने की दरकार
फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल को संसद की संयुक्त समिति को अपनी सिफारिशों के लिए दे दिया गया है. पिछले एक महीने से यह बिल एकाएक सोशल मीडिया, अखबारों और टीवी पर बहस का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है. व्यक्तिगत, कंपनियों, साझेदारी फर्मों तथा अन्य हस्तियों के मामले में दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए अभी पिछले ही साल संसद में ‘दी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी एक्ट' पारित...
More »GES 2017 में इवांका बोलीं- घर हो या बाहर, महिलाएं हमेशा वर्किंग वीमेन
हैदराबाद। वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन 2017 में हिस्सा लेने आई इवांका ट्रंप ने सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को एक चर्चा के दैरान कहा कि महिलाएं चाहे घर रहें या बाहर काम करें, वो हमेशा वर्किंग वीमेन होती हैं। इवांका ने इस दौरान अपील की कि पुरुष भी जैंडर गैप खत्म करने में योगदान दें। इवांका ने आगे कहा कि यह सिर्फ महिलाओं के मुद्दे नहीं हैं। हम आधी आबादी हैं,...
More »