SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1282

जलवायु परिवर्तन की वजह से भारतीय बच्चों में बढ़ रहा है संक्रामक रोगों का खतरा

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन के चलते भारतीय बच्चों के संक्रामक रोगों की चपेट में आने का खतरा बढ़ रहा है यह जानकारी हाल ही में भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए एक अध्ययन में सामने आई है। बनारस में बच्चों पर किए इस शोध में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संक्रामक रोगों और जलवायु परिवर्तन के बीच के सम्बन्ध का पता चला है। शोध के अनुसार संक्रामक रोगों से...

More »

दिल्ली के गरीब भूखे और हताश हैं, उनके पेट में भूख की 'आग' जल रही है

-न्यूजक्लिक, बढ़ते कर्ज़, महीनों का बकाया किराया, बेटी की शादी के लिए लिया गया कर्ज़ और अपने दो बेटों की शिक्षा पर होने वाले खर्च ने, हसनारा बेगम की रातों की नींद हराम कर रखी है और उसका परिवार दैनिक भोजन के इंतजाम के लिए संघर्ष कर रहा है। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की रहने वाली हसनारा बेगम दिल्ली के उन लाखों निवासियों में शामिल हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं...

More »

कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक का दावा- आने वाली महामारी और भी जानलेवा होगी

बीबीसी, ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन बनाने वाली प्रोफ़ेसर ने कहा है कि भविष्य में महामारियां वर्तमान कोरोना संकट से भी घातक और जानलेवा होंगी. प्रोफ़ेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने 44वें रिचर्ड डिम्बलबी व्याख्यान में कहा कि महामारी की तैयारियों के लिए और अधिक फ़ंड की ज़रूरत है ताकि इनके प्रकोप को रोका जा सके. ओमिक्रॉन की दिल्ली में भी दस्तक, तंज़ानिया से लौटा था व्यक्ति ओमिक्रॉन कोरोना वायरस वेरिएंट क्या वाकई ज़्यादा ख़तरनाक है? उन्होंने ये भी...

More »

राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी

-रूरल वॉइस,  गुरू पर्व के मौके पर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करने के साथ ही यह बात अब साफ हो गई है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी हो गई है। आने वाले दिनों में राजनीति की दिशा के साथ ही आर्थिक नीतियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। 1991 की आर्थिक उदारीकरण...

More »

क्या हैं अमीर व गरीब देशों के लिए प्राकृतिक संपदा के मायने?

-डाउन टू अर्थ, जिस समय दुनिया वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने के लिए ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन फॉर क्लाइमेट चेंज के बैनर तले कॉप-26 में कार्बन बजट पर चर्चा करने में व्यस्त थी, ठीक उसी समय एक अन्य मोर्चे पर एक और महत्वपूर्ण बहस चल रही थी। इस बहस के केंद्र में था कि क्या हम प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग को नियंत्रित कर सकते हैं? यह बहस उस उपभोग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close