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मौसमी शाकाहारी

कुछ लोग होते हैं मौसमी शाकाहारी. यानी खास मियाद के लिए वो विशुद्ध शाकाहारी बन जायेंगे. जैसे ही यह खास मियाद पूरी होगी तब शाक‘आहार’ के प्रवर्तक का चोला उतार कर टूट पड़ेंगे मांस–मछली पर. इन मौसमी शाकाहारियों को लगता है कि जिस मियाद के लिए वो मांस नहीं खा रहें हैं तब कोई और शख्स भी नहीं खाएगा. इसी पूर्वाग्रह को लेकर हाल ही में नवरात्रि पर कई जगह, स्वघोषित धर्म...

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कर्नाटक: कॉफी बागान मालिक ने दलित कामगारों से मारपीट की, पंद्रह दिनों तक बंधक बनाकर रखा

द वायर, 12 अक्टूबर  कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में एक कॉफी बागान के मालिक जगदीश गौड़ा पर दलित समुदाय के 16 कामगारों के साथ मारपीट करने और उन्हें कई दिनों तक बंद रखने का आरोप लगाया गया है. एनडीटीवी के मुताबिक, गौड़ा और उनके बेटे तिलक के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 2015 और भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं के तहत 11 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक,...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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भारत की जमीन पर फिर लौटेगा चीता, बेताबी से इंतजार

अमर उजाला, 12 सितम्बर चीते की वापसी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और भारत एक बार फिर जमीन के सबसे तेज जानवर का बेताबी से इंतजार कर रहा है, जिसकी गुर्राहट कभी समूचे देश के जंगलों में गूंजती थी। 17 सितंबर को चीते भारत में लौटेंगे। जल्द ही चीता मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में विचरण कर रहा होगा। भारत में चीतों के न रहने के लिए पथ-निर्धारण,...

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दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...

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