जनसत्ता 29 जून, 2013: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में तबाही अभी थमी नहीं है और प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर में साढ़े आठ सौ मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन कर आए हैं। विकास के नाम पर पिछले कुछ साल से जिस गति से पूरे हिमालय क्षेत्र में इन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलता रहा है वह भयानक है। सभी प्रस्तावित परियोजनाएं क्रियान्वित हो जाएं तो हिमालय दुनिया में सबसे ज्यादा बांध घनत्व...
More »SEARCH RESULT
उत्तराखंड की चेतावनी- अपूर्व जोशी
जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
More »जमीन पक रही है- भारत डोगरा
जनसत्ता 23 जून, 2012: अगर हमारे देश में ग्रामीण निर्धन वर्ग और विशेषकर भूमिहीन वर्ग को टिकाऊ तौर पर संतोषजनक आजीविका मिले इसके लिए भूमि-सुधार बहुत जरूरी है। इसके अलावा, अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण द्वारा जिस तरह तेजी से बहुत-से किसानों खासकर आदिवासियों की जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन बनाया जा रहा है, उस पर रोक भी लगानी होगी। ऐसे महत्त्वपूर्ण सवालों के न्यायसंगत समाधान के लिए इस वर्ष के आरंभ से एक प्रयास...
More »हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट
भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...
More »