अनिल बंसल, नई दिल्ली। राजधानी में चलती बस में युवती के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की वारदात के बाद किशोर अपराधियों की उम्र घटाने की मांग सामने आई है। आरोपियों में एक किशोर भी है जिसके लिए पुलिस ने अपने आरोप पत्र में अदालत से फांसी की मांग नहीं की है। मौजूदा कानूनों के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के बालक को किशोर की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे किशोर...
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सूचना अधिकार में सेंध- गौरव कुमार
जनसत्ता 1 नवंबर, 2012: पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त, लोकहित केंद्रित कल्याणकारी प्रशासन के वादों के साथ बारह अक्तूबर 2005 को यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार कानून लागू किया। देश में अपनी तरह का यह पहला कानून था, जिसने लोगों के हाथ में सूचना पाने का अधिकार दिया। इसके पहले 1923 का जो कार्यालय गोपनीयता कानून था वह ब्रिटिश-हितों के लिए बनाया गया था, जिसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि जनता को सरकारी...
More »सहकारिता से चुनावी सबक- शिरीष खरे
केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता अधिनियम में किए गए एक बदलाव ने मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सहकारिता चुनाव को अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास बना दिया है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. मध्य प्रदेश में सहकारी संस्थाओं पर सत्तासीन होने के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच की उठापटक के साथ ही आगामी विधानसभा का चुनावी बिगुल भी बज गया है. असल में यह 2013 के...
More »खुदरा कारोबार के मिथक- सुभाष गताडे
जनसत्ता 4 अक्टुबर, 2012: भारत सरकार का दावा है कि खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजीनिवेश की राह खोलने से छह सौ अरब डॉलर तक पूंजी यहां पहुंचेगी। दूसरी तरफ के आलोचक इस तरह का अनुमान पेश कर रहे हैं कि वालमार्ट और उस जैसीकंपनियों के आने से कितने लाख लोग बेरोजगार होंगे, आदि। लगता है दोनों पक्षों की तरफ से छवि की लड़ाई चल रही है। कुल खुदरा कारोबार में आज...
More »देशभक्तों के काम!- हरिवंश
राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ खिलवाड़ अक्षम्य अपराध है. देश के साथ द्रोह भी. मामला चाहे अशोक स्तंभ का हो या मुंबई में ‘अमर जवान ज्योति’ तोड़ने का. इस कसौटी पर काटरूनिस्ट असीम त्रिवेदी भी गलत हैं. पर आज सार्वजनिक रूप से यह कहना कि ‘सत्यमेव जयते’ की जगह ‘भ्रष्टमेव जयते’ के युग में देश है, कहां का अपराध है? या राष्ट्रदोह है? यह तो मौजूदा हालत का नग्न सच है. देश की कुल...
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