विनय बोथरा, बागली (देवास)। भावांतर योजना के तहत सोयाबीन, मक्का आदि उपज की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू हो गई है, लेकिन योजना के तहत अप्रैल-मई में बेची गई प्याज और लहसुन पर मिलने वाला बोनस छह माह बाद भी किसानों को नहीं मिला है। आचार संहिता के चलते करीब 35 करोड़ रुपए का भुगतान अटक गया है। चुनाव के ठीक पहले किसानों की नाराजगी का डर भाजपा विधायकों और...
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कम बारिश के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने का अनुमान
- चावल की रिकॉर्ड फसल, गेंहू उत्पादन का लक्ष्य 10 करोड़ टन नई दिल्ली। एजेंसी देश के 31 फीसदी इलाके में सामान्य से कम बारिश के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। चालू खरीफ सीजन में चावल का रिकार्ड 9.8 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है, जबकि रबी में गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 10 करोड़ टन तय किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है। इस दौरान दलहन उत्पादन...
More »किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए नयी खरीद नीति को मिली मंजूरी
नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को नयी फसल खरीद नीति को मंजूरी दी है. इसमें एक योजना और तिलहन कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने की स्थिति में तिलहन किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने पर केंद्रित है और दूसरी योजना के तहत राज्य सरकारों को किसानों से उनकी उपज की खरीद में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी जोड़ने की छूट होगी. सूत्रों ने...
More »प्रभात खबर से खास बातचीत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, किसानों से किये गये सभी वायदे हुए हैं पूरे
छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद, जनसंघ काल में ही राजनीति से जुड़े आरएसएस के स्वयंसेवक राधा मोहन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण से पांच बार सांसद चुने गये हैं. वह भाजपा के संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में लक्ष्य तय करने, देश में मौजूदा समय में कृषि के समक्ष चुनौतियों, किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि से जुड़े...
More »नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला
शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
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