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शिक्षा की परीक्षा में जवाबदेही का सवाल- अनुराग बेहर

आम सोच यह है कि स्कूल व शिक्षक जवाबदेह नहीं हैं, इसलिए स्कूली शिक्षा की हालत खराब है। लेकिन यह मसला इतना परेशान करने वाला क्यों है? आइए, बात को ‘जवाबदेही’ शब्द से ही शुरू करें और इसके इस्तेमाल को समझों। आज इस शब्द का सबसे अधिक इस्तेमाल कारोबारी दुनिया में होता है। इस तरह की सोच यांत्रिक प्रणालियों का नतीजा है, वहां पर लोगों को किसी चीज की जिम्मेदारी...

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लोकतंत्र की असली ताकत चुनाव में

लोकतंत्र की असली ताकत चुनाव में है. यह चुनाव उन सभी संस्थानों के लिए अपनी अहमियत रखता है, जहां जनता के अधिकार और हित निहित है. संघ-संगठनों का लोकतांत्रिक स्वरूप इसी बात में है कि वहां एक निश्चित प्रक्रिया के तहत निश्चित समय पर चुनाव होता है. देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था हमारी संसद है और राज्य की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था विधानमंडल. 73वें और 74वें संविधान संशोधन के...

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उच्च सदन में दलितों की जगह- मोहनदास नैमिशराय

राज्यसभा के इस बार के चुनाव में भी, हमेशा की तरह, दलित समाज की अनदेखी की गई। लगभग पचास प्रत्याशियों में से दो अदद सीटें दलितों के हिस्से में आईं। पहली सीट मध्य प्रदेश से भाजपा के सत्यनारायण जटिया को मिली और दूसरी महाराष्ट्र से रामदास आठवले को। रामदास आठवले खुद आईपीआई (ए) के अध्यक्ष हैं, लेकिन भाजपा की मदद से उन्हें राज्यसभा में जाने का अवसर मिला। इससे पूर्व आठवले...

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'हमारे सामने अवसर बड़ा, झोली छोटी'- योगेन्द्र यादव

डॉ योगेंद्र यादव जाने-माने चुनावी विश्लेषक रहे हैं. देश के कई जनांदोलनों में उन्होंने सक्रिय भागीदारी की है. आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख चेहरे के रूप में वह देश के जनांदोलनों को एक मंच पर लाकर अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्वरूप देने की कोशिश में जुटे हैं. पेश है ‘आप’ की राष्ट्रीय राजनीति, रणनीति  और लोकसभा चुनाव में उसके लिए संभावनाओं पर डॉ योगेंद्र यादव से प्रभात खबर के...

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त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा

मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...

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