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मीडिया आजाद है!

-आउटलुक, न कोई मीडिया मुगल है, न ही मीडिया की अपनी कोई ताकत बची है। रेंगते लोकतंत्र के साथ मीडिया का रेंगना उसके वजूद को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है, जहां लोकतंत्र को घुटने के बल लाने वाली सत्ता से कोई सवाल नहीं करना है, बल्कि सत्ता की ताकत को अपने साथ जोड़ना है। इस दौर में खबरों की गुणवत्ता या फिर देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण और लोगों...

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ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी कहां हैं?

केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...

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गुरुग्राम : 'घर में ही रहें' की नसीहत के बीच सरकारी क्रूरता, 600 परिवार किये बेघर

-न्यूजक्लिक,  "कहाँ तो तय था चराग़ाँ हरेक घर के लिये, कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये" दुष्यंत कुमार का यह शेर आज की स्थिति पर बिल्कुल सटीक बैठता है। सरकार का लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ा वादा था कि जहाँ झुग्गी वहीं मकान, लेकिन इसके विपरीत वर्तमान महामारी के समय में दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में अवैध अतिक्रमण के नाम पर लोगों को बेघर किया जा रहा है। बेघर करके उन्हें सड़कों...

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‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?

-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...

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उत्तर प्रदेश भारत की कमजोर कड़ी है, इसे चार या पांच राज्यों में बांट देना चाहिए

द प्रिंट,  आखिर उत्तर प्रदेश ने हमें कोरोना महामारी और चीनी घुसपैठ की ‘सातों दिन 24 घंटे’ खबरों से थोड़ी राहत दिला दी. अब उलझन यह है कि उसे शुक्रिया कहें या न कहें? क्योंकि संदर्भ उतना ही चिंताजनक है. जितना जानलेवा महामारी के खतरे का या घुसपैठ पर उतारू एक पड़ोसी का हो सकता है. एक आदमी को एक ऐसे कथित ‘एनकाउंटर’ में मार डाला गया है जिसे इतने भद्दे...

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