बिलासपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बैगा परिवारों को विस्थापित करने के खेल में वन विभाग ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। लोरमी के कठमुडा में 74 बैगा परिवारों को विस्थापित कर बसाया गया है। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि में से प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए मिलने थे, जिसमें उन्हें घर, खेत, अन्य सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि दी जानी...
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सात माह में हाथियों के हमले के 7,028 मामले
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के आरम्भ के सात महीनों में मकानों, फसलों और वन क्षेत्र में स्थित निवास स्थानों पर हाथियों के हमले के 7,028 मामले दर्ज किए गए। यह जानकारी शुक्रवार को विधानसभा में दी गई। वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि जंगली हाथियों ने जनवरी से जुलाई के बीच 11 लोगों को मार डाला, जबकि पांच को घायल...
More »क्या हो विकास की सही परिभाषा- भारत डोगरा
सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...
More »बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर
“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...
More »उपेक्षित रही है पहाड़ की खेती: राधा भट्ट
पहाड़ की खेती सदा उपेक्षित रही है। कड़ी मेहनत के बावजूद यहां के काश्तकारों के लिए खेती लाभकारी नहीं बन सकी। यह बात गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली की अध्यक्ष राधा भट्ट ने कही। सुश्री भट्ट विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 88वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पहाड़ का काश्तकार का परिवार पलायन करता आया है। एक तो...
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