यूपीए सरकार द्वारा लगभग 400 दवाओं के दाम तय कर दिये गये थे. वर्तमान एनडीए सरकार ने 450 और दवाओं के दाम निर्धारित कर दिये हैं. 350 और दवाओं के दाम निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार का यह कदम सही दिशा में है. दवाओं के बाजार के दो हिस्से हैं. पहला हिस्सा जेनेरिक दवाओं का है. अकसर दवाओं में एक केमिकल होता है. दवा को इस केमिकल के...
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#RaghuramRajan: मिडल क्लास का 'गुड मैन' जो राजनीति से नहीं बच पाया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में बतौर गर्वनर तीन साल तक कार्यरत रहने के बाद आज रघुराम राजन विदा हो रहे हैं। आज आरबीआई में उनका आखिरी दिन है। तीन साल का उनका ये सफर बहुत ही विवादास्पद रहा। एक ओर जहां उन्हें राजनीति का शिकार होने पड़ा और आलोचनाएं झेलनी पड़ी। वहीं दूसरी ओर आर्थिक विशेषज्ञों ने उनकी जमकर तारीफ की। अगर भारत के जीडीपी ग्रोथ की बात करें तो...
More »इस साल आर्थिक वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहेगी: रिजर्व बैंक
मुंबई: भारत का निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बेहतर नजर आता है और वर्ष 2016-17 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. बैंक की 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2016-17 में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल हासिल...
More »भ्रष्टाचार और प्रदूषण का खनन-- रामचंद्र गुहा
जब नई सदी की शुरुआत हुई, तो मेरे गृह राज्य कर्नाटक में आर्थिक उदारीकरण के ‘पोस्टर बॉय' थे- एन आर नारायण मूर्ति। मध्यवर्गीय परिवार से निकले इस शख्स के पास उद्यमशीलता का कोई पारिवारिक अनुभव नहीं था। नारायण मूर्ति ने अपनी जैसी सोच वाले छह अन्य लोगों को जोड़ा और इन्फोसिस की नींव रखी। बहुत मामूली शुरुआत हुई थी इसकी, मगर साल 2000 तक इस कंपनी का मुख्यालय न सिर्फ बेंगलुरु...
More »खाड़ी देश में फंसे प्रवासियों की पीड़ा - रहीस सिंह
कभी-कभी दो परस्पर विरोधी स्थितियां जब सामने आती हैं, तो वे संशय पैदा करने के साथ काफी हद तक हमें असहज भी बना जाती हैं। इन स्थितियों को देख एक आम प्रश्न मन में उठता है कि यदि हम दुनिया की सबसे चमकदार अर्थव्यवस्था बन रहे हैं तो फिर हमारे युवाओं को काम के लिए दूसरे देशों में खाक छानने की जरूरत क्यों पड़ रही है? दूसरा सवाल यह कि...
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