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लाख दावों के बावजूद 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में रह रहे प्रवासी मजदूर

-न्यूजलॉन्ड्री,  17 मई, 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, “दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है. अगर वो दिल्ली में रहना चाहते हैं तो उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और अगर वो अपने गांव लौटना चाहते हैं तो उनके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं. किसी भी हालत में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे.” क्या दिल्ली सरकार...

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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का हाल : 10-10 घंटे तक आउटर पर सिग्नल नहीं, दिया जा रहा बासी खाना, शौचालय में पानी तक नहीं

-एनडीटीवी, जिन प्रवासी मजदूर श्रमिक ट्रेनों में बैठकर अपने पूर्वी यूपी और बिहार अपने घर आ रहे हैं रास्ते में उनकी भी दुदर्शा हो रही है. एक तो ट्रेनें देरी से चल रही हैं और न रास्ते में उनको खाना दिया जा रहा है, न डिब्बों की साफ-सफाई हो रही है. कुछ मजदूरों ने ट्रेनें रोके जाने पर रास्ते में प्रदर्शन भी किया है.  इसी तरह आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से...

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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्र को मिली कुछ छूट

-फसल क्रांति, देशभर में इस समय कोरोना को लेकर लॉकडाउन चल रहा है। हर रोज कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में अभी तक 20 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें तक़रीबन 1 लाख से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है। भारत में भी 13000 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके है। सरकार इस माहमारी को देश में...

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कोविड-19: लॉकडाउन से साफ हो रही हवा, क्या हैं इसके संदेश और संकेत

न्यूजलॉन्ड्री, यह एक असाधारण समय है, लेकिन विवेक को हमेशा घबराहट की स्थिति से ऊपर रहना होता है. यह समय उसी विवेक केइस्तेमाल से एक सामाजिक दूरी रखते हुए इस दौरान मिलने वाले समय में कुछ सोचने समझने का भी है. क्या इस वक्त का इस्तेमाल कर हम विध्वंस के समय की कुछ बातों को सामान्य दिनों में लागू करने की सोच सकते हैं? कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस सामाजिक स्वास्थ्य...

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