बारिश, उमस और गरमी के इन दिनों में बदन पर मोटी बंडी कौन पहनेगा भला? लेकिन, मुख्यमंत्री की बात और है! उसे अपने हर क्षण को राजनीतिक मौके में तब्दील करने के लिए उमस में भी सीने पर बंडी बांधनी होती है. हमारे मीडियामुखी समय में कोई क्षण मौके में तब्दील होता है सुर्खियों और तसवीरों में बदल कर. सुर्खियों और तसवीरों के लिए कंट्रास्ट चाहिए, कैमरा और कलम कंट्रास्ट...
More »SEARCH RESULT
राजस्थान में पेंशन योजना का सरकारी खेल !
राजस्थान में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(एनएसएपी) के तहत दिए जा रहे पेंशन के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. ये तथ्य हाल के एक सरकारी रिपोर्ट के निष्कर्षों को लेकर आशंका जगाते हैं. नागरिक संगठन सूचना एवं रोजगार अभियान(एसआर अभियान) के मुताबिक प्रदेश में एनएसएपी के तहत पेंशन के रुप में सहायता राशि पाने वाले 2.95 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं और उन्हें...
More »ब्याज व्यवहारिक दर जरूरी
अथक प्रयासों के बावजूद बड़े कारोबारी निजी निवेश करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। उधर विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में निवेश को लेकर उत्साहित नहीं हैं। ऐसे में वित्तमंत्री ने बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं द्वारा जमा पर दिए जा रहे ज्यादा ब्याज पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जमा पर अधिक ब्याज देने से कर्ज देने की लागत बढ़ जाती है। गौरतलब है कि ब्याज...
More »झारखंड के सिर्फ 37.7 फीसदी घरों में शौचालय
रांची: राज्य के कुल 80 लाख घरों में से सिर्फ 37.7 फीसदी घरों में ही शौचालय है. इनमें भी ज्यादातर शौचालय शहरी व कस्बाई इलाके में ही हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय बनाया जाना है. इस दिशा में कार्य जारी है. अभी हाल ही में विभिन्न जिलों की 55 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है. रांची जिले का हहाप पंचायत खुले...
More »सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »