मैं महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कृषि कार्य करता हूं. वहां 1975 से आज तक मैं खेती कर रहा हूं. 1960 के बाद जो खेती में व्यवस्थाएं प्रारंभ हुईं, वहीं से मैंने शुरु आत की थी. अब तक मुझे कृषि विज्ञान दो स्वरूपों में दिखा है. जब मैंने खेती प्रारंभ की तो उस समय परावलंबन का विज्ञान था. उस वक्त मैंने रासायनिक खाद, जहरीली दवाईयां और बाहर से बीज लाकर खेती...
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प्राकृतिक खेती से पटखनी खाती आधुनिक खेती- सुभाष शर्मा
मैं महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कृषि कार्य करता हूं. वहां 1975 से आज तक मैं खेती कर रहा हूं. 1960 के बाद जो खेती में व्यवस्थाएं प्रारंभ हुईं, वहीं से मैंने शुरु आत की थी. अब तक मुझे कृषि विज्ञान दो स्वरूपों में दिखा है. जब मैंने खेती प्रारंभ की तो उस समय परावलंबन का विज्ञान था. उस वक्त मैंने रासायनिक खाद, जहरीली दवाईयां और बाहर से बीज लाकर खेती...
More »बरसात का पानी नहीं, यहां शासन की लापरवाही से फसलें हो रही बर्बाद
नागपुर। पेंच से शहर में आ रही मनपा की पाइपलाइन ने खेतों में कहर बरपा दिया है। पाइपलाइन की वजह से बारिश का पानी जमा होने से खेतों में तालाब बन गया है। इससे फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी है। नुकसान को देखते हुए किसानों ने मनपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पाइपलाइन दूसरी ओर स्थानांतरित करने की मांग...
More »जब भूख लगती है शहर को..
गरीबी पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों ने थाली की कीमत को बहस के केंद्र में ला दिया है. देशभर में चल रही इस गरमागरम बहस के बीच हमने खोज की उस थाली की जिसे किसी शहर की भूख मिटाने वाला कहा जा सकता है. प्रचलित अर्थो में इस थाली को भले ही दोपहर का खाना न कहा जाये, लेकिन आज ये किसी शहर की पहचान से जुड़ गयी हैं....
More »छत्तीसगढ़ में दलहन व तिलहन उत्पादन बढऩे की उम्मीद
देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...
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