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बाढ़ पूर्वानुमान माडल का होगा विकास

पटना जल संसाधन मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि वैज्ञानिकों को बाढ़ नियंत्रण के उपायों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने सोमवार को बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायता केन्द्र व विश्व बैंक के संयुक्त तत्वावधान में एक होटल में आयोजित कार्यशाला का उद्धाटन किया। उन्होंने बाढ़ पूर्वानुमान माडल के विकास की आवश्यकता जतायी। इससे पूर्व जल संसाधन मंत्री ने सिंचाई भवन में हरियाणा के जल संसाधन मंत्री...

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नए रोजगार गढ़ता भारत

नई दिल्ली [जयंतीलाल भंडारी]। इन दिनों जो रोजगार सर्वेक्षण प्रकाशित हो रहे है, वे बता रहे है कि देश के प्रोफेशनल और प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ रहे है। युवा पेशेवरों के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है कि भारतीय जॉब मार्केट एक बार फिर से आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहा है। इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट फर्म एटल के जून 2010 में प्रकाशित किए गए नवीनतम सर्वे में यह...

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दाल से टूटता रोटी का नाता

नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...

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दालों की खेती पर नहीं, आयात पर बढ़ाया खर्च

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दालों के आयात के लिए 5000 करोड़ रुपये और दलहन खेती के लिए औसतन सालाना केवल 500 करोड़ रुपये। समझा जा सकता है कि दालों की पैदावार क्यों नहीं बढ़ रही है। पिछले चार सालों में सरकार ने जितना धन दलहन की खेती के प्रोत्साहन के लिए दिया है, उससे दोगुना हर साल दालों के आयात पर खर्च होता है। जब खेती बेहतर करने में...

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शुगर क्यों हो, स्टीविया है न

रचना गुप्ता, शिमला। इसे चीनी के आसमान छूते दामों का दम कहें या स्वास्थ्य सरोकारों के लिए संजीदगी, खबर यह है कि लोग अब चाय में न तो चीनी पी रहे हैं न शुगरफ्री गोलियां। स्टीविया अब उनकी जीवनचर्या का अंग बन चुका है। मिठास के लिए वे मीठे पौधे स्टीविया का प्रयोग रूटीन में करने लगे हैं। इस पौधे को चीनी के विकल्प के कारण घरों में लगाने लगे...

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