भ्रष्टाचार के विरुद्ध बाबा रामदेव जो मोर्चा लगा रहे हैं, वह एक बेमिसाल घटना होगी। यदि दिल्ली में एक लाख और देश में एक करोड़ से भी ज्यादा लोग अनशन पर बैठेंगे तो इसके मुकाबले की घटना हम कहां ढूंढेंगे? यह सबसे बड़ा अहिंसक सत्याग्रह होगा। इसका उद्देश्य जनता व शासन दोनों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कटिबद्ध करना है। यदि आंदोलन सिर्फ सरकार के विरुद्ध होता तो उसे शुद्ध राजनीति माना जाता, लेकिन...
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'...पर क्या आजाद भारत किसी लिहाज से संपूर्ण है?'- अरूंधति राय से शोमा चौधरी की बातचीत
अरुंधती रॉय से जुड़े हालिया और कई पुराने विवादों पर शोमा चौधरी(तहलका) की उनसे बातचीत आपने दिल्ली और कश्मीर में जो बयान दिए उनके आधार पर सरकार आपके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने पर विचार कर रही है. राजद्रोह आपकी नजर में क्या है? क्या आप खुद को राष्ट्रद्रोही मानती हैं? दिल्ली और श्रीनगर में ऐसे मंच से बयान देने के पीछे आपकी मंशा क्या थी जिसका शीर्षक था - आजादी:...
More »इतिहास के आईने में किसान आंदोलन-- योगेंद्र यादव
इधर राहुल गांधी का भट्टा-परसौल में आना हुआ तो उधर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का जाना. पहली नजर में इन दोनों घटनाओं का आगे-पीछे होना विशुद्ध संयोग है. लेकिन जरा गौर से देखें तो इस संयोग में गहरे निहितार्थ छिपे दिखाई देते हैं. यहां किसान आंदोलन के भूत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले कुछ तार बिखरे पड़े हैं. राहुल गांधी का आना किसान आंदोलन की तात्कालिक विजय का प्रतीक...
More »मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
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