नई दिल्ली [शेखर]। चढ़ते पारे ने पानी का संकट बढ़ा दिया है और पानी के संकट ने पानी के कारोबार को काफी मजबूत कर दिया है। जब सरकारी स्तर पर यह बात आने लगी कि पीने का साफ पानी नहीं मिल सकता है तो पानी के कारोबारियों के मन के हिसाब से माहौल बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी से संबंधित कारोबारों में उफान आने लगा। इनमें सबसे ज्यादा कारोबार बढ़ा बोतलबंद पानी का।...
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18000 साल पहले शुरू हो गई थी ग्लोबल वार्मिग!
लंदन। ग्लोबल वार्मिग यानी धरती के तापमान में वृद्धि का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों को चौंकाने वाला सूत्र हाथ लगा है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की राय में करीब 18 हजार साल पहले बड़ी मात्रा में कार्बन का जमाव समुद्र के अंदर हुआ था। कार्बन के इसी जमाव ने अंतिम हिमयुग को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि अंतिम हिमयुग के दौरान समुद्र...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों के आधार पर खेती
पटना वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों पर कृषि निर्भर है। इसके आधार पर ही खेती होने की स्थिति में पैदावार में वृद्धि के साथ ही फसल को कीड़ों के प्रकोप से बचाया जा सकता है। सरकारी कृषि फार्म में भी रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए बीज गिराए गए हैं। फार्म में खेती के लिए 8 करोड़ रुपये विमुक्त किए गए हैं। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार धान का विचड़ा डालने के...
More »किसानों के हितों से समझौता न किया जाए
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि घातक फ़ंगस यानि फफूंद की एक नई ज़हरीली किस्म दुनिया की गेहूं की आपूर्ति के लिए बड़ा ख़तरा बन सकती है. रुस में हुई एक बैठक के बाद शोधकर्त्ताओं ने इस ख़तरनाक किस्म की फफूंद के बारे में नई जानकारियां दी हैं. उनके मुताबिक कुछ देशों में इस घातक फफूंद ने क़रीब 80 फ़ीसदी तक गेहूं की फ़सल तबाह कर दी है. यूजी99 नाम की ये भूरे रंग की फफूंद एक...
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