बांदा। महुआ के फूल से बनी 'डोभरी' जंगल में बसे जनजातियों के लिए अब सपना हो जाएगी। 'डोभरी' जनजातियों के जीवन का एक प्रमुख सहारा रहा है। कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातियों को अब भूखे पेट रात बितानी होगी। वन संपदा पर दबंगों की हुकूमत व सूखे की मार से मुंह का निवाला छिन गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के फतेहगंज क्षेत्र के कोलुहा जंगल में पीढि़यों से बसे जनजातीय...
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एक से बीपीएल को एक रुपये किलो चावल-गेहूं
रांची : राज्य के बीपीएल परिवारों को एक रुपये किलो चावल-गेहूं एक अप्रैल 2010 से उपलब्ध कराया जायेगा. कैबिनेट ने शनिवार को यह फ़ैसला लिया. अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत नौ लाख 17,900 निर्धनतम बीपीएल परिवार को महीने में 21.35 किलो चावल व 13.65 किलो गेहूं दिया जायेगा. मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के अंतर्गत 14,76,100 बीपीएल परिवार को 21.91 किलो चावल व 9.10 किलो गेहूं एक रुपये प्रति किलो की दर...
More »अब नहीं सोना पड़ता है भूखे पेट
पटना। सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के कारण अब गरीबों को भूखे पेट नहीं सोना पड़ता है। सस्ते दर पर मिलने वाले अनाज के कारण अब रोटी की समस्या नहीं रह गई है। अंत्योदय योजना के तहत 2 रुपये की दर पर 21 किलोग्राम गेहूं तथा 3 रुपये की दर पर 14 किलोग्राम चावल दिया जाता है। जबकि बीपीएल परिवार को 25 किलो गेहूं-चावल मिलता है। अत्यंत निर्धनों को...
More »वित्तायुक्त करेंगे गेहूं बीज सब्सिडी मामले की जांच
चंडीगढ़ [जागरण ब्यूरो]। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने वीरवार को पंजाब विधानसभा में आश्वासन दिया कि वह प्रदेश में किसानों को गेहूं पर सब्सिडी में करोड़ों के कथित घोटाले की जांच का वित्तायुक्त (विकास) से कराएंगे। इससे पहले कृषि मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह ने माना कि केंद्र से मिलने वाली गेहूं बीज सब्सिडी की राशि में से 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को नहीं दी। यह धनराशि पंजाब बीज निगम के...
More »महीने में 35 किलो गेहूं-चावल के भी लाले
देहरादून। प्रदेश के एपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र से गेहूं व चावल का पर्याप्त कोटा नहीं मिलने से पिछले दो वर्ष से उत्तराखंड खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले में लगातार केंद्र से पत्राचार किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली निरंतर कमजोर हो रही है। सरकारी सस्ते गल्ले...
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