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विकास से चूके तो और विनाशक होंगे नक्सली

नई दिल्ली, राजकिशोर। नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की धीमी गति से केंद्र असंतुष्ट है। केंद्र सरकार ने राज्यों से आपरेशन के साथ-साथ युद्धस्तर पर ही बुनियादी ढांचे से लेकर लोगों को रोजगार से जोड़ने वाली योजनाएं पूरी करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि हमेशा संगीनों के साये में विकास कार्य नहीं हो सकते, लिहाजा इसमें तेजी लाकर सीधे लोगों से जुड़कर उनके दिल में जगह बनाएं। राज्यों को चेतावनी दी...

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अब बेरोजगार नहीं रहेंगे सूबे के युवा

रांची। यदि सरकार का सपना पूरा हुआ तो सूबे के युवा अब बेरोजगार नहीं रहेंगे। पढ़ाई पूरी होते ही उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर रोजगार मिल जाएगा। शिक्षा, विज्ञान-प्रावैधिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, आईटी, कल्याण, शहरी व ग्रामीण विकास विभागों के समवेत प्रयास से ऐसा होगा। दरअसल, युवाओं को स्किल्ड करने के लिए 'कौशल विकास मिशन' का गठन करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रपति शासन के अंतिम दिनों में इसपर परामर्शी समिति की स्वीकृति भी मिल...

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गुजरात: वनवासी कल्याण के लिए 15 हजार करोड़

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सदियों से वनों में निवास करने वाली जनजातियों को वनभूमि पर मालिकाना हक देने के केंद्र सरकार के कानून की तरफदारी करते हुए गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह वनवासियों के कल्याण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यही नहीं, राज्य सरकार ने वनों में निवास करने वाले जनजातीय लोगों को जनस्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, अधिकार, स्वच्छता और अनाज वितरण की सरकारी योजना [पीडीएस] का लाभ...

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खेतों में मिलेंगे हल - भवदीप कंग

ऐसे समय में जबकि खाद्य पदार्थो की कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनिया में भुखमरी अपने पैर पसार रही है, जलवायु परिवर्तन से संबंधित विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि आने वाले वक्त में हमें और भी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ेगा। दिनों-दिन बढ़ते वैश्विक तापमान की वजह से भारत की कृषि क्षमता में लगातार गिरावट आती जा रही है।एक अनुमान के मुताबिक इस क्षमता में 40 फीसदी तक की कमी हो सकती...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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