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GDP ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान, नि‍वेश की रफ्तार अब भी सुस्‍त

नई दि‍ल्‍ली। केंद्र सरकार ने संसद में अर्थव्‍यवस्‍था की छमाही समीक्षा जारी करते हुए कहा है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 5.5 फीसदी रखा है। जारी समीक्षा के मुताबि‍क, अब भी देश में नि‍वेश की गति‍ तेज नहीं है। ऐसे में जीडीपी की ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि‍, सरकार ने यह भी कहा कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में...

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सारधा चिट फंड घोटाला : अब तक 99 लोगों ने की आत्महत्या

प्रभात खबर,इन दिनों पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, असम आदि राज्यों के ग्रामीण इलाकों में तनाव का माहौल है. गांव के हर चेहरे पर उदासी सी छाई हुई है. घोटाले के शिकार आम किसानों- मजदूरों के अलावा शारदा चिटफंड कंपनी के एजेंटों के आत्महत्या की खबरें आ रही हैं. पिछले शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ इससे पहले टीएमसी के दो सांसदों कुणाल घोष...

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41 लाख बच्चों को नहीं मिलेगी पोशाक राशि

प्रभात खबर,पटना: सूबे के प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित 2.02 करोड़ बच्चों में 41 लाख छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री पोशाक योजना की राशि नहीं मिल सकेगी. वजह कक्षा एक से आठ तक के इन बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी या उससे अधिक नहीं है. अप्रैल से 30 सितंबर के बीच इनकी उपस्थिति निर्धारित उपस्थिति से कम रही. इस कारण उन्हें पोशाक योजना की राशि नहीं मिल सकेगी. इस साल 75 फीसदी से ज्यादा...

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झारखंड में विकास की राशि भी खर्च नहीं होती- मनोज प्रसाद

प्रभात खबर,राज्य गठन के बाद से ही यहां विकास कार्य के लिए मिली राशि की चौथाई भी सरकारी महकमे खर्च नहीं कर पा रहे. सरकारी अफसरों की अकर्मण्यता से हर साल करोड़ों रुपये लैप्स कर जाते हैं. राज्य की जनता को उनके हक से वंचित कर दिया जाता है, जबकि इसी काम के लिए लाखों रुपये का वेतन सरकारी अधिकारी उठाते हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहा है....

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'तो गाँव की हर औरत लखपति होती..'

जॉर्ज मोनबाएट ने कहा है कि अगर धन कठिन परिश्रम और व्यवहार कुशलता का परिणाम होता तो अफ्रीका की प्रत्येक महिला लखपति होती. भारत की अर्थव्यवस्था में गांवों की अहम भूमिका है और गांवों की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से ज़्यादा है. यानी ग्रामीण महिलाएं भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, लेकिन उनकी मुश्किलों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. न ही समाज का और न ही सरकार का. उनकी...

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