खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
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सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही
जोधपुर. शहर में उचित मूल्य की कई दुकानों पर एक बार फिर सड़ा गेहूं सप्लाई हुआ है। गेहूं इतना सड़ा हुआ है कि जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। रसद विभाग को भी इस बात का पता है फिर भी माल डीलरों को दे दिया गया और वहां से बेचा भी जा रहा है। काले पड़ चुके गेहूं से सड़ांध उठ रही है। फिर भी गरीब की मजबूरी है कि...
More »डिलीवरी के लिए पहुंची महिला को इलाज के बदले मिली मौत
रोहतक/महम. महम के सामान्य अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची महिला का नहीं हो सका इलाज। परिजनों का आरोप है कि डच्यूटी पर मौजूद स्टाफ सोता रहा। डिलीवरी करने के बजाय उसको रोहतक के लिए रैफर कर दिया। समय पर डिलीवरी नहीं होने के कारण महिला की मदीना के पास एंबुलैंस में ही आधी डिलीवरी हो गई। जिस कारण बच्चे की मौत हो गई। चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप समय पर...
More »ग्रामीणों की चौखट पर सरकार
जयपुर. राज्य की सत्ता संभालने के करीब दो साल बाद सरकार ने अब गांवों की ओर रुख किया है। बुधवार से सरकार ने ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर प्रशासन गांव के संग अभियान शुरू किया है। जयपुर में जिले में पहला शिविर शाहपुरा तहसील के बिलान्दरपुर गांव में लगाया गया है। प्रदेश की 9000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में लगने वाले इन शिविरों में 18 विभाग लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का मौके...
More »आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
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