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न्यूज क्लिपिंग्स् | सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही

सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही

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published Published on Nov 22, 2010   modified Modified on Nov 22, 2010
जोधपुर. शहर में उचित मूल्य की कई दुकानों पर एक बार फिर सड़ा गेहूं सप्लाई हुआ है।

गेहूं इतना सड़ा हुआ है कि जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। रसद विभाग को भी इस बात का पता है फिर भी माल डीलरों को दे दिया गया और वहां से बेचा भी जा रहा है। काले पड़ चुके गेहूं से सड़ांध उठ रही है। फिर भी गरीब की मजबूरी है कि वह इसे खरीद रहा है। लगातार शिकायतें मिलने पर डीबी स्टार टीम ने नवंबर में वितरण के लिए जारी किए गए गेहूं पर नजर रखी। पता चला कि बारिश के दौरान एफसीआई के पास भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने से लाखों टन गेहूं सड़ गया था।

इसमें से डेढ़ लाख टन की खेप प्रदेश में भी आई। यही गेहूं जोधपुर की 345 उचित मूल्य की दुकानों पर भी पहुंचा। इस गेहूं को रसद विभाग पहले ही रिजेक्ट कर चुका है। फिर भी धर्मपुरा में शनिवार को यही गेहूं दिया जा रहा था। उस वक्त नजर रखने के लिए रसद विभाग का कारिंदा भी मौजूद था। जागरूक उपभोक्ताओं ने इस गेहूं को लेने से साफ इनकार कर दिया। टीम ने मौके पर रसद विभाग के जिम्मेदारों को बुलवाया और सड़े गेहूं का वितरण रुकवाया। विभाग ने कहा कि नया गेहूं भेजकर वितरित किया जाएगा।

बोरी के साथ खुल गई लापरवाही

गरीब को मिलने वाला सरकारी अनाज रोटी बनाने के लायक नहीं है। जागरूकता के अभाव में सरकार की ओर से वितरित होने वाला अनाज सड़ा होने के बावजूद राशन की दुकानों पर पहुंच रहा है। सड़े अनाज को लेकर डीबी स्टार टीम को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। हर महीने 15 से 21 तारीख तक राशन की दुकानों पर बीपीएल कार्डधारकों को केरोसिन और गेहूं आदि का वितरण होता है। शनिवार को भी धर्मपुरा स्थित राशन की दुकान नंबर 15—73 पर कई उपभोक्ता कार्ड लेकर गेहूं लेने पहुंचे थे। वहां गेहूं की बोरी खुली तो रसद विभाग और भारतीय खाद्य निगम के अफसरों के जिम्मेदारों की लापरवाही साफ उजागर हो गई।

अनाज लेने आए उपभोक्ता बोरी का गेहूं देख भड़क उठे। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम तत्काल मौके पर पहुंची तब दुकान में सड़े अनाज का ढेर लगा हुआ था। इस अनाज में बड़े-बड़े ढेले बंधे हुए थे। इसमें कचरा और कंकड़ भी थे। यह काला भी पड़ गया था। फफूंद के कारण गुच्छे बंधे थे और सड़ांध उठ रही थी। जिला रसद अधिकारी कार्यालय से नियुक्त भवानीसिंह की मौजूदगी में यह अनाज वितरित हो रहा था। टीम ने जब भवानीसिंह को घटिया अनाज दिखाया तो उन्होंने इसे रिजेक्ट बताया, जबकि दुकान संचालक का कहना है कि तीन दिन से शिकायत कर रहा हूं लेकिन डीएसओ की ओर से कोई नहीं आया।

इधर टीम का छापा, उधर सड़ा अनाज हटाया: टीम ने राशन की इस दुकान से सड़े अनाज की फोटो खींची और डीएसओ विजयपालसिंह को जानकारी दी। सिंह ने तत्काल दुकान से सड़ा अनाज जब्त करवा दिया। उनके आदेश पर रसद विभाग की टीम ने अनाज की बोरियां इस दुकान से उठवाकर विभाग में जमा कर लीं। डीएसओ ने भरोसा दिलाया कि सड़ा अनाज लोगों के घरों तक नहीं जाने दिया जाएगा। अगर किसी को शिकायत हो तो तत्काल विभाग को सूचना दे।

यहां भी आया सड़ा गेहूं: टीम ने राशन की दुकानों पर पड़ताल की तो पता चला कि सेक्टर सेवन में 19-94 दुकान पर भी सड़ा अनाज सप्लाई किया गया था। इस पर दुकान संचालक केशवनाथ ने तत्परता दिखाते हुए रसद विभाग में शिकायत कर सड़ा अनाज जमा करा कर दूसरा ले लिया। केशवनाथ ने बताया कि सड़े अनाज को देखकर वे तुरंत रसद विभाग गए और सूचना देकर अनाज बदलवा लिया। इस कारण से सड़ा अनाज गरीब के पेट में जाने से बचा जा सकता है।

क्यों सड़ा अनाज: टीम ने पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि इस मानसून में बारिश के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम और रेलवे प्लेटफॉर्म पर पानी से बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने से गेंहू भीग गया था। यही कारण है कि इस बार सड़े अनाज की शिकायतें खूब आईं। पहले पानी से नहीं बचाने और अब सड़े अनाज को वितरित करने में लापरवाही सामने आ रही है।

ऐसा अनाज तो जानवर भी नहीं खा सकते: सड़ा अनाज देखकर राशन की दुकान पर आए लोग भड़क उठे। उनका कहना था कि ऐसा सड़ा-गला अनाज तो जानवर भी नहीं खा सकते। सादिक मेहर और मोहम्मद रफीक आदि जब अनाज लेने आए तो उन्हें सड़ा अनाज दिया जा रहा था। वे देखकर बोले कि यह अनाज सड़ा हुआ है। उनके साथ आए संजीव भी इस अनाज से नाराज हो गए। कुछ महिलाएं तो अनाज लेने को तैयार भी हो गईं लेकिन टीम के सामने डीएसओ की ओर से तैनात भवानीसिंह ने इस अनाज को खराब बता कर नहीं देने दिया। सिंह ने स्वीकार किया कि यह माल रिजेक्ट आ गया है, इसलिए इसे उपभोक्ताओं को नहीं देंगे।

सड़ा अनाज वितरित नहीं होने देंगे - विजयपालसिंह, डीएसओ, जोधपुर

राशन की दुकानों पर सड़े अनाज की शिकायतें कैसे आ रही हैं?
-हां, कुछ शिकायतें आईं और हमने सड़ा अनाज वितरित नहीं करने के आदेश दिए थे।

फिर धर्मपुरा में राशन की दुकान पर सड़ा अनाज कैसे पहुंच गया?
-ऐसा नहीं हो सकता। हमारी ओर से तैनात कार्मिक की देखरेख में ही अनाज वितरित होता है।

आपके आदमी की मौजूदगी में ही सड़ा हुआ अनाज दिया जा रहा था?
-मैं अभी बाहर से आया हूं। तत्काल सड़े अनाज का वितरण रुकवाता हूं। सड़ा अनाज वितरित नहीं होने देंगे।

दुकान संचालक का कहना है कि रसद विभाग को तीन दिन पहले शिकायत कर दी, फिर सड़ा अनाज क्यों नहीं बदला?
-शिकायत का मुझे पता नहीं, अब पता चला है तो सड़ा अनाज रोक देते हैं।

तीन दिन से कोई नहीं आया - आनंदसिंह, संचालक, राशन की दुकान संख्या 15-73

ये दुकान किसके नाम अलॉट है?
-मेरे नाम पर है।

दुकान में सड़ा अनाज कैसे मिल रहा है?
-ये तो राशन का ही अनाज है, जो हमें डीएसओ से मिला है।

इसे उपभोक्ताओं को क्यों दे रहे हो?
-नहीं दे रहे हैं।

क्या आपने रसद विभाग को शिकायत की?
-हां, तीन दिन पहले शिकायत की थी, पर कोई नहीं आया।

http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JOD-rot-kills-wheat-the-sack-open-with-negligence-1571707.html


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