महज पांच साल पहले कोसी नदी के किनारे एक खूबसूरत और समृद्ध गांव था बनैनिया. मिथिलांचल और कोसी के इलाकों को जोड़ने के लिए जब महासेतु बना, तो बनैनिया डूब गया. थोड़ी-सी प्रशासनिक सजगता इस गांव को बचा सकती थी. गुणानंद ठाकुर जैसे सांसद और मायानंद मिश्र जैसे बड़े साहित्यकार का यह गांव अब कोसी की धारा में समा गया है. गांव के लोग 22 अलग-अलग गांवों में रहते हैं....
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न्यायिक नियुक्ति आयोग की गुत्थी-- पी चिदंबरम
कल्पना करें कि हम एक ऐसे राष्ट्र के नागरिक हैं, जिसने अभी-अभी आजादी हासिल की है और जिसे नया संविधान बनाना है। फिर, कल्पना करें कि हम न्यायपालिका से संबंधित अध्याय लिख रहे हैं। तब मुख्य सवाल ये उठेंगे। (1) हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता कैसे सुनिश्चित करेंगे? (2) जज होने की पात्रता क्या होगी? (3) जजों के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया क्या होगी? (4) न्यायालय के अधिकार क्या होंगे,...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »मोदी की रैली ने निकाला किसानों का 'दिवाला'-- पंकज प्रियदर्शी
हाजीपुर के निकट सुल्तानपुर गांव का वो इलाक़ा आज सुनसान है, जहाँ रविवार को प्रधानमंत्री मोदी की रैली की ख़ूब चर्चा थी। रैली के लिए जो तैयारियाँ की गई थीं, बांस और बल्ली लगाए गए थे, अब हटाए जा रहे हैं। छोटे-छोटे ट्रकों से सामान ढोया जा रहा है, कुछ दिनों पहले जो मज़दूर मंच बनाने और घेराबंदी करने में लगे थे, अब वही मज़दूर उसे हटाने में लगे हैं। लेकिन...
More »राजकोषीय घाटा चिंता का विषय नहींः जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि राजकोषीय घाटे को लेकर सरकार चिंचित नहीं है। सरकार विनेवेश में सामने आ रही कठिनाईयों के बावजूद इस घाटे को नियंत्रित करने में सक्षम है। जेटली ने कहा मुझे नहीं लगता है कि कोई चिंता की बात है .. सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बहुत हल्का रखा था जो 4.1 प्रतिशत घट कर चार प्रतिशत हो गया और (2015-16) के...
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