रॉयटर्स : बीजिंग... चीन ने जीएम (जेनेटिकली मॉडीफाइड) मक्का की अमेरिका से भेजी एक और खेप नामंजूर कर दी है। जीएम मक्का की ऐसी किस्म की खेप पकड़ी गई थी, जिसे अभी मंजूरी नहीं दी गई है। चीन के आयातक घरेलू बाजार में मक्का बेचने के लिए खेप का इंतजार कर रहे थे। अब उनके सामने सरकारी भंडार से या यूक्रेन से सस्ती मक्का आयात करने का विकल्प बचा है। चीन...
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जेनरिक दवाओं के सैंपल टेस्ट का देना होगा ब्योरा
प्रोटोकॉल : जेनरिक दवाओं की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर रही है सरकार : इसमें शिकायतकर्ता को दवा कब खरीदी गई थी, दवा की एक्सपाइरी डेट जैसी जानकारियां देनी होंगी यह कवायद क्यों : कई बार शिकायतकर्ता देश फेल होने वाले सैंपल का ब्योरा दिए बिना ही गुणवत्ता पर उठा देते हैं सवाल : इससे जेनरिक दवाओं के निर्यातक के तौर पर देश की साख होती है प्रभावित भारतीय जेनरिक...
More »उपज का घटता भाव- संजीव झा
एक तरफ खाद-उर्वरक के बढ़ते उपयोग के चलते कृषि पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण ने कृषि योग्य भूमि के विस्तार को सीमित कर दिया। पिछली सदी के दौरान खाद्यान्न की मांग में खासी तेजी के बावजूद खाद्यान्न की कीमत में वास्तविक अर्थों में हर वर्ष 0.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। खेती की उपज को लेकर देश के साथ-साथ दुनियाभर के आंकड़ों...
More »गोपनीयता की आड़ में- जोगिन्दर सिंह
एक तरह से देखें तो भारत की सभी सरकारों का रवैया छिपाऊ रहा है। केवल रक्षा मामले में ही नहीं, विवादों, घोटालों, धोखाधड़ी या पक्षपात करने में अपनी निरंकुश ताकत का बेजा इस्तमाल करने से जुड़े सभी मामलों सरकारों का यह रुख साफ दिखता है। बेशक संविधान अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी देता है, लेकिन इस पर मानहानि से जुड़े कानून का बंधन भी है। एक संपादक ने मुझे बताया कि उसके अखबार...
More »यह खुशहाली का रास्ता नहीं है- सीताराम येचुरी
भारतीय उद्योग जगत के एक हिस्से ने तो जोश के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं। उद्योग जगत का यह जोश दहशत पैदा करने वाले तरीके से याद दिलाता है कि किस तरह पूंजीपति वर्ग के एक हिस्से ने 1930 के दशक में जर्मनी में हिटलर के उभार में मदद की थी। आज जब साल 2008 की आर्थिक मंदी के बाद से विश्व पूंजीवाद का संकट लगातार बना हुआ है,...
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