सासाराम। वैदिक काल से लेकर अब तक दीया और बाती की परंपरा को कायम रखने वाले कुम्हारों के हाथ भले ही दूसरों के घर रौशन कर दे, मगर उनकी जिंदगी तंगहाली की चाक पर नाच रही है। बदलते समय में कसीदाकारी में दक्ष हाथों की लकीरों को ऐसी धुंधली कर दी है कि अब इनके लिए दो जून का रोटी भी भारी पड़ने लगा है। महंगी होती केरोसिन तेल के कारण मोमबत्ती...
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परमार्थ में पूंजी- सुभाष गताडे
जनसत्ता 5 नवंबर, 2012:खबर है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय कंपनी अधिनियम में संशोधन का विधेयक पेश करेगी। कहा जा रहा है कि कॉरपोरेट क्षेत्र की सामाजिक जिम्मेदारी को प्रस्तुत अधिनियम में शामिल करने को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं, बहस-मुबाहिसे की परिणति संशोधित अधिनियम की धारा-135 में दिखाई देगी। यह प्रस्तावित किया जा रहा है कि हर वह कंपनी, जिसकी खालिस कीमत पांच सौ करोड़...
More »समानता के पहरुए- अरुण माहेश्वरी
जनसत्ता 2 नवंबर, 2012: नवउदारवाद के लगभग चौथाई सदी के अनुभवों के बाद मुख्यधारा के राजनीतिक अर्थशास्त्र को बुद्ध के अभिनिष्क्रमण के ठीक पहले ‘दुख है’ के अभिज्ञान की तरह अब यह पता चला है कि दुनिया में ‘गैर-बराबरी है’, और इससे निपटे बिना मुक्ति, यानी आर्थिक-संकटों की लहरों में डूबने से बचने का रास्ता नहीं है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के ताजा अंक (13-19 अक्तूबर) में विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में उन्नीस...
More »किसान को पता नहीं और केसीसी से उठा लिया लोन
मेड़ता सिटी.नागौर आंचलिक ग्रामीण बैंक की जसनगर शाखा में एक किसान पुरखाराम के नाम से फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर किसान क्रेडिट कार्ड बनाने व 50 हजार का ऋण उठाने का मामला सामने आया है। मामला 2002 का है। किसान को 2005 में पता चला जब बैंक का बकाया वसूली का नोटिस...
More »लड़कियों को लेकर अब राजस्थान में सुनाया गया तालिबानी फरमान!
दौसा (ग्रामीण).पंचायतों के तुगलकी फरमान अब राजस्थान में भी सुनाए जाने लगे हैं। दौसा जिले के भांडारेज में बुधवार को हुई सर्व समाज की बैठक में लड़कियों को मोबाइल नहीं रखने तथा चेहरे पर स्कार्फ नहीं बांधने का निर्णय सुनाया गया। यह बैठक गांव से चार दिन पहले लापता हुई युवती के मामले को लेकर बुलाई गई थी। बैठक में पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया गया कि तीन दिन में युवती को...
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