देश के शिक्षा-संबंधी सभी अध्ययन और सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि छात्रों का स्तर अपेक्षा से नीचे है. इस स्थिति के लिए आम तौर पर शिक्षकों को दोषी ठहरा दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहद लचर है. देश में एक लाख से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात...
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नदी का कोप या नीति में खोट-- चंदन श्रीवास्तव
बारिश, उमस और गरमी के इन दिनों में बदन पर मोटी बंडी कौन पहनेगा भला? लेकिन, मुख्यमंत्री की बात और है! उसे अपने हर क्षण को राजनीतिक मौके में तब्दील करने के लिए उमस में भी सीने पर बंडी बांधनी होती है. हमारे मीडियामुखी समय में कोई क्षण मौके में तब्दील होता है सुर्खियों और तसवीरों में बदल कर. सुर्खियों और तसवीरों के लिए कंट्रास्ट चाहिए, कैमरा और कलम कंट्रास्ट...
More »अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार का घुन-- अरविन्द कुमार सिंह
दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पिछड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनों से लैस तमाम एजेंसियां हैं और नागरिक समाज आंदोलित है। वैसे तो भ्रष्टाचार ने पूरी दुनिया को गिरफ्त में ले रखा है, लेकिन अगर भारत की बात करें तो जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला न...
More »खिल्ली तो पीएम की ही उड़ेगी!-- राजीव रंजन झा
यह आश्चर्यजनक है कि भारत अपनी प्रगति के जितने भी दावे करे, मगर इसके बहुत से कोने अब भी विकास की रोशनी से बहुत दूर हैं, अंधेरे में हैं. इन अंधेरों की जिम्मेवारी समूचे राजनीतिक नेतृत्व पर है. देश के 70वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि आजादी के सात दशक बाद हाथरस के नगला फतेला गांव में बिजली पहुंच सकी,...
More »शराबबंदी और केरल की कलाबाजी- एस श्रीनिवासन
केरल में शराब के शौकीन लोगों के लिए पिछला हफ्ता काफी घुमावदार रहा। गुरुवार को केरल स्टेट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ने यह एलान किया कि वह शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू करेगा। जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है, वे टेलीफोन पर बोतल का ऑर्डर कर सकेंगे। लेकिन अगले ही दिन इन शौकीनों की खुशी को ग्रहण भी लग गया, जब कोऑपरेटिव मंत्री एसी मोइदीन ने यह साफ किया कि सरकार...
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