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'अन्ना हमारे नेता हैं. मैं तो बस उन्हें दफ्तरी मदद उपलब्ध करवाता हूं'

अरविंद केजरीवाल से बातचीत का यह अंश तहलका(हिन्दी) से साभार लिया जा रहा है। अरब दुनिया में आई क्रांति की लहर की तरह शुरू हुआ अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अब एक अलग दिशा में जाता दिख रहा है. यह दिशा बिखराव और साख में गिरावट की है. गिरावट कई मोर्चों पर देखने को मिल रही है. पहला मोर्चा तो एकजुटता का ही है. कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान के बाद...

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जनमुहिम और जमीनी राजनीति : मृणाल पाण्डे

क्रांतिकारी बदलाव का सूत्रपात कौन करता है, नेता या आंदोलन? यह सवाल कुछ वैसा ही है, जैसे कि यह पूछना कि पहले मुर्गी आई या अंडा? फिर भी महाभारत से उपग्रह संचारित मीडिया के जमाने तक यह यक्ष प्रश्न पूछा जाता रहा है। युधिष्ठिर ने तो यक्ष को यह कहकर कि नेता ही अपने समय को गढ़ता है (राजा कालस्य कारणं) छुट्टी पा ली थी, लेकिन एकछत्र राजाओं का जमाना अब नहीं रहा।...

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एक नहीं, पांच लोकपाल हों - अरुणा राय

प्रभात खबर चाहता है कि जनलोकपाल और भ्रष्टाचार पर आम लोगों के बीच स्वस्थ विमर्श का सिलसिला शुरू हो. इसके लिए जरूरी है कि इन मुद्दों पर असहमति के बिंदुओं और वैकल्पिक विचारों की भी जानकारी सबको हो. इस क्रम में हम सरकारी लोकपाल और जनलोकपाल विधेयक में बिंदुवार अंतर दे रहे हैं. साथ में पढ़ें राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य अरुणा राय के विचार. असहमति का स्वर रखनेवाली अरुणा राय राजनैतिक...

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स्टैंडिंग कमेटी पहल कर निकाले निदान- रघुवंश प्रसाद सिंह(पूर्वमंत्री)

सरकार के मंत्री-गण और अन्ना हजारे टीम के बीच एक-दूसरे के लोकपाल को लेकर कई मुद्दों पर असहमति है. जन लोकपाल की सभी बातों से राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति सहमत नहीं है. लेकिन हाल में जन-अधिकार पर जो हमले हुए, उससे भी राजनीतिक दल सहमत नहीं हैं. संसद को कानून बनाना है. अभी लोकपाल बिल संसद की स्टैंडिंग कमिटी के पास विचाराधीन है. हालांकि स्थायी समिति ने अपनी प्रथम बैठक में...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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