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झारखंड में ‘हिंदू’ डीलर ने रोका ‘ईसाइयों’ का राशन

रेहलदाग के शिवा भुइयां को दो महीने से राशन नहीं मिला है.  उनके पास राशन कार्ड है. जो इस बात का प्रमाण है कि वह जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के विक्रेता (डीलर) से अपने परिवार के लिए आवंटित राशन ले सकते हैं. इसके बावजूद उनके गांव में राशन वितरण के लिए अधिकृत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ने उन्हें सितंबर महीने में राशन नहीं दिया क्योंकि वे ईसाई हैं और उन्होंने दुर्गा पूजा...

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औपनिवेशिक दंश झेलती जनजातियां-- प्रमोद मीणा

वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया। मुख्यधारा के समाजों से दूर रहने वाली इन जनजातियों को पुश्तैनी रूप से अपराधी मानते हुए उन्हें गैर-जमानती अपराध के दायरे में ला दिया गया। इन जनजातीय समुदायों में थे बावरिया, पारधी, कंजर, सांसी, बंजारा, गरासिया, सहरिया आदि। ये...

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आदिवासी स्त्रियों का शोषण रोकने सुरक्षा कवच जरूरी - रमेश नैयर

ढाई-तीन दशक से मनुष्यों का आखेट क्षेत्र बने हुए बस्तर के अनेक अप्रिय सच सामने आने लगे हैं। बस्तर की वे अल्हड़ युवतियां, जो घने जंगल में मुक्त विचरण करते हुए शेर और भेड़िये से भी नहीं डरा करती थीं, अब दो पैरों वाले नृशंस पशुओं की छाया से भी थरथराने लगी हैं। कटु सत्य यह है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। बालिका छात्रावासों में शिक्षकों और अन्य...

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खौफ में यहां के लोग जमीन छोड़कर पेड़ों पर रहने लगे

पटना। बिहार से एक अजीबो-गरीब खबर सामने आ रही है। भागलपुर जिले में बागड़ के ग्रामीण बाढ़ से इतनी बार परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने इसका दिलचस्प हल निकाल लिया है। अब वे जमीन की बजाय पेड़ों पर घर बना रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इस जिले के लोग पेड़ों पर रहने जा रहे हैं क्योंकि अभी इसका खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इस गांव में रहने वाले करीब...

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मेड और मैडम का वर्ग संघर्ष-- आशुतोष चतुर्वेदी

दिल्ली से सटे नोएडा से कुछ दिनों पहले खबर आयी कि घरेलू दाइयों, जिन्हें अंगरेजी में लोग ‘मेड' कहते हैं और ‘मैडम' लोगों में संघर्ष हो गया. यह अपने तरह की अलग घटना है. दाइयां घरों में काम करती रहती हैं. उनकी ओर न तो समाज का और न ही सरकारों का ध्यान जाता है. इन घरेलू सहायकों के बिना उच्च और मध्य वर्ग का जीवन कितना कठिन हो...

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