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कैसे बनते है इतनी मंहगाई में सरकारी आवास?

चित्रकूट। एक ही जगह और लाभार्थियों के लिये दो-दो योजनायें, जी हां चौकिये नही यह गांव है पहाड़ी ब्लाक का जमौली गांव। जहां पिछले साल डाकू नान केवट को मारने के चक्कर में पुलिस ने पूरे गांव को ही जला डाला था। जले हुये मकानों को बनाने के लिये जब सरकार से राहत की बात देने का मामला आया तो केवल एक योजना से यहां पर भरपाई नही हो पाई। महामाया योजना और इंदिरा आवास...

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पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?

इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...

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अफसर बढ़ाएं विकास की गति

पटना। मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजनाओं की प्राथमिकता तय करें और कालबद्ध तरीके से इन्हें निपटाते हुए विकास की गति को बढ़ाएं। बचे हुए टास्क को छह माह के भीतर पूरा करें। विकास कार्यो में प्रभावकारी भूमिका अपनाएं। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों, प्रमंडलीय आयुक्तों व विभागीय सचिवों के साथ मैराथन बैठक की। आठ-नौ घंटे चली बैठक में विभागवार...

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कोसी का कहर

कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...

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नरेगा- बदले बदले से सरकार नजर आते हैं..

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पक्का भरोसा है कि नरेगा  के आगे इस साल का सूखा पानी भरता नजर आएगा लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले बहुत से कार्यकर्ता नरेगा की कामयाबी को लेकर अब आशंकित हो उठे हैं, खासकर नरेगा के प्रावधानों में हालिया फेरबदल के बाद। इधर सूखे ने कुल २४६ जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है उधर बहस इस बात पर सरगर्म हो रही है...

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