आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी जो बातें भारत के लिए शर्म की बड़ी वजह बनी हुईं हैं बालश्रम को अगर उनमें सबसे ऊपर रखा जाए तो गलत नहीं होगा। आज भी हमारे देश में करोड़ों बच्चे खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में खेतों से लेकर होटलों और खतरनाक उद्योगों तक में अत्यंत विकट परिस्थितियों में जीतोड़ मेहनत करने के लिए मजबूर हैं। बेफिक्री की उम्र में ही उनके ऊपर इतनी...
More »SEARCH RESULT
सहकारी बैंकों को एक और वित्तीय पैकेज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लंबी अवधि के लिए कर्ज देने वाले सहकारी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सरकार एक और पैकेज दे सकती है। इस संबंध में एक प्रस्ताव पर बुधवार को कैबिनेट की बैठक में विचार होने की संभावना है। इस पैकेज के तहत जिन राज्यों ने अपने सहकारी ढांचे में बदलाव का फैसला किया है उन्हें अतिरिक्त वित्तीय मदद दी जाएगी। सरकार...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »एमपी की नई औद्योगिक नीति को मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार बगैर किसी औद्योगिक नीति के प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कर रही थी। साथ ही निवेश सम्मेलन भी आयोजित कर रही थी। सरकार की इस नीति पर बिजनेस भास्कर ने लगातार सवाल खड़े किए। इसके बाद ही सरकार की ये इंडस्ट्रियल पॉलिसी सामने आई है। रोजगार पर जोर नई पॉलिसी में स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर जोर कम से कम 50 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को...
More »संकट में अन्नदाता
भोपाल. वे कभी गांव के जमींदार थे, अच्छा खासा रसूख था। सुखी परिवार था, मिल जुलकर रहते थे, लेकिन आज हालात बदले हुए हैं। अब न ही रुतबा है, न ही जमीन और न ही जिंदगी बसर करने के लिए पैसे। ये कहानी है, भोपाल से सटे गांव पुरा छिंदवाड़ा के किसानों की। भोपाल जिले में हाल ही में उजागर हुए हजार एकड़ जमीन के घोटाले में कई किसान धोखाधड़ी...
More »