मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की ! देश में खेती-किसानी का हाल कुछ ऐसा ही है. किसान-आत्महत्या के नये आंकड़े संकेत करते हैं कि बीते 2 सालों में देश में कृषि-संकट और ज्यादा गहरा हुआ है. खेतिहर मजदूर से ज्यादा किसानों की आत्महत्या एनसीआरबी की नई रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के भीतर(2014 से 2015) किसान-आत्महत्या की संख्या में 41.7 फीसद का इजाफा हुआ है जबकि आत्महत्या करने वाले खेतिहर मजदूरों की संख्या में तकरीबन एक...
More »SEARCH RESULT
जिनके घर शौचालय, उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी सरकार
श्योपुर (मध्यप्रदेश)। जिन किसानों के घरों में शौचालय नहीं और जो खुले में शौच करने जाते हैं, ऐसे किसानों से सरकार गेहूं नहीं खरीदेगी। समर्थन मूल्य पर मध्यप्रदेश सरकार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी जिनके घर में शौचालय होगा। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रजिस्ट्रेशन करवाते समय ही किसान को घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देना होगा, तभी उसका पंजीयन होगा। यह पूरी कवायद हर घर में शौचालय...
More »सीएम के खेत में ही फेल हो गया खेती से लाभ का प्रयोग
विदिशा, अजय जैन। परंपरागत खेती छोड़ो और फल-फूल की खेती अपनाओ...ये वो मंत्र है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को बार बार पढ़ाते रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का यह मंत्र उनके अपने ही खेत में असफल होे गया है। मुख्यमंत्री ने विदिशा शहर से सटे फार्म हाउस में पहले टमाटर उगाए, लेकिन बाजार के अच्छे दाम नहीं मिले और टमाटर मवेशियों को खिलाने पड़े। फिर उन्होंने नौ एकड़ में...
More »छत्तीसगढ़ में हो सकेगी मखाने की खेती, ले पाएंगे दो फसल
रायपुर, संदीप तिवारी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने पहली बार धमतरी के कृषि विज्ञान केन्द्र बोड़रा संबलपुर में मखाने (काला हीरा) की खेती का सफल परीक्षण किया है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ मखाने की खेती करने वाला देश का सातवां राज्य बन गया है। यहां के कृषि वैज्ञानिक मखाने की स्वर्ण वैदेही किस्म दरभंगा से लेकर आए थे। खेती के लिए जलवायु अनुकूल होने से रबी और खरीफ दोनों सीजन में...
More »बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल
देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...
More »