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प्रदूषण से न नदियां बचीं और न भूजल

-डाउन टू अर्थ, हमारे अहम सतही जलस्रोतों का 90 प्रतिशत हिस्सा अब इस्तेमाल करने के लायक नहीं बचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अलग अलग राज्यों की प्रदूषण निगरानी एजेंसियों के हालिया विश्लेषण ने इसकी पुष्टि की है। साल 2015 में वाटर ऐड की एक रिपोर्ट जारी हुई थी, जो शहरी विकास मंत्रालय, जनगणना 2011 और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर आधारित थी। इस रिपोर्ट में कहा...

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केरल और लक्षद्वीप में शून्य तो राजस्थान में बढ़ी सिर्फ 1 रुपए मनरेगा मजदूरी

-गांव कनेक्शन,  केन्द्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए न्यूनतम मजदूरी की घोषणा कर दी है। 15 मार्च को ग्रामीण विकास मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार केरल और लक्षद्वीप में एक भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं की गई है जबकि राजस्थान में सिर्फ एक रुपए मनरेगा मजदूरी बढ़ाई गई है। राजस्थान में अब तक मनरेगा (NREGA) में अकुशल मजदूरों की मजदूरी 220...

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चुनावों में हस्तक्षेप का निर्णय कर के किसान नेताओं ने कहीं कोई खतरा तो नहीं मोल लिया है?

-जनपथ, अंततः किसान आंदोलन के नेताओं ने यह निर्णय ले ही लिया कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में संबंधित प्रदेशों का दौरा कर वे मतदाताओं से भाजपा को उसके किसान विरोधी रवैये के मद्देनजर सत्ता से दूर रखने की अपील करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस संबंध में पत्र के रूप में मतदाताओं हेतु एक अपील भी जारी की है। इस अपील में कहा गया है: हम केंद्र एवं भाजपा...

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राजद्रोह: जुबान बंद रखो, वरना...

-आउटलुक, “राजद्रोह कानून का दुरुपयोग चिंताजनक हद तक बढ़ा” तानाशाही और लोकलुभावनवाद का जोर जिस दौर में स्थापित लोकतंत्रों में भी बढ़ रहा है, राजद्रोह का कानून सरकार का पसंदीदा औजार बन गया है। भारत में पहले भी कई सरकारें राजनैतिक वजहों से राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से असहमति को गैर-कानूनी साबित करने के लिए इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भारी चिंताजनक है। इसे लोकतंत्र...

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कोरोना महामारी ने मनरेगा के सामाजिक ऑडिट सिस्टम को प्रभावित किया है!

जब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) - एक मांग-संचालित कार्यक्रम पर सार्वजनिक धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, तो वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की संभावना होती है. शुक्र है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस मौजूद हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) के तहत 2020-21 के लिए...

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