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फूड बिजनेस को लेकर गौतम अडानी और मुकेश अंबानी आमने-सामने

जनसत्ता, 15 सितम्बर अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विलमर लिमिटेड अपने फूड बिजनेस को तेजी से बढ़ाने के लिए एक बड़ा दांव खेलने जा रही है। कंपनी स्‍थानीय और ओवरसीज एक्विशन के लिए कंपनियों की तलाश कर रही है। दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने कंज्‍युमर गुड्स बिजनेस को लॉन्‍च करने की घोषणा की थी। रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के इस ऐलान के बाद एशिया के सबसे अमीर...

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अनियमित, अनियंत्रित व असंतुलित रसायन व कीटनाशक बिगाड़ रहे मिट्टी की सेहत

पत्रिका, 25 अगस्त अनियमित, अनियंत्रित व असंतुलित रसायन व कीटनाशक बिगाड़ रहे मिट्टी की सेहत मंदसौर.जिले में रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह मिट्टी की सेहत को बिगाड़ रहे है। अनियमित, अनियंत्रित व असंतुलित रुप से इनका उपयोग मिट्टी की सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। इसी कारण पौषक तत्वों में कमी आ रही है। अभी से ही इस पर ध्यान देने के साथ प्रबंधन...

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बिहार: सुखाड़ के साथ खाद की कमी और कालाबाजारी से जूझ रहे किसान

डाउन टू अर्थ, 24 अगस्त बिहार में लगातार तपिश और कड़ाके की गर्मी से किसान मायूस हैं। मौसम विभाग के अनुसार 17 अगस्त 2022  तक राज्य में केवल 389.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जो कि सामान्य से बहुत कम है। इस समय तक सामान्य तौर पर 657.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस सुखाड़ से नुकसान झेलने के बाद किसान अब यूरिया और खाद की किल्लत से भारी मुसीबतों का सामना कर रहे...

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देश में गेहूं के आयात की कोई योजना नहीं, पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध: केंद्र सरकार

 दिप्रिंट, 21 अगस्त  भारत सरकार ने रविवार को जानकारी दी कि वो गेहूं का आयात नहीं करने जा रही है. सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी खारिज किया जिसमें गेहूं के आयात की बात कही जा रही थी. भारत सरकार के खाद्य विभाग ने रविवार को स्पष्ट किया कि देश गेहूं का आयात करने नहीं जा रहा है. विभाग ने ट्विटर के जरिए बताया, ‘भारत में गेहूं के आयात की अभी...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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