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प्रवासी मजदूर : नए दौर के नए अछूत

ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय मुझे बहुत से ऐसे प्रवासी मजदूर मिले हैं, जो अक्सर कहते हैं, “परेशान होकर हम शहरों में आए हैं। हम गांव में थोपी गई जाति व्यवस्था के कारण अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।” ऐसा नहीं है कि केवल गांव ही “महान भारतीय जाति व्यवस्था” का पालन करते हैं, लेकिन इस व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित वे गरीब हैं जो जाति के सबसे निचले...

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गैर सरकारी संगठनों द्वारा जारी रिपोर्ट: कोविड-19 लॉकडाउन ने ग्रामीण जनजीवन को किया बुरी तरह प्रभावित!

-विकासनवेश फाउंडेशन, सम्बोधी, प्रोफेशनल अस्सिटेंस फॉर डेवल्पमैंट एक्शन (PRADAN), BAIF डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन (BAIF), एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (ASA), SATHI-UP, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम (AKRSP), ग्रामीण सहारा और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन(TRIF) द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट, दिनांक 13 मई, 2020 ग्रामीण क्षेत्र की गरीब आबादी पर COVID 19 और लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने के लिए सबसे बड़े सर्वेक्षण को प्रमुख गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया गया....

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गुजरात बनाम केरल मॉडल

-सत्याग्रह, इस सदी का शुरुआती दशक खत्म होने को था कि गुजरात मॉडल नाम का एक शब्द चर्चा में आया. नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे. गुजरात मॉडल की चर्चा इसलिए होने लगी थी कि वे अक्सर इसकी बात करने लगे थे. लेकिन अपने नाम के आगे प्रशंसा की तरह मॉडल शब्द लगाने वाला गुजरात भारत का पहला राज्य नहीं था. ऐसा पहला राज्य था केरल. केरल मॉडल की पहले-पहल चर्चा...

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लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी

-द वायर, कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद से विभिन्न वर्गों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है. प्रख्यात...

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कोविड-19 : और क्या होगा न्यू नॉर्मल

-डाउन टू अर्थ, मैं बिना किसी संशय के कह सकती हूं कि कोविड-19 हमारे जीवनकाल की सबसे अधिक घातक एवं विनाशकारी घटना है और यह हमारे समाज की परिभाषा बदलकर रख देने की क्षमता रखता है। मेरी जानकारी में ऐसी कोई दूसरी महामारी नहीं है जो इतनी तेजी से फैली हो। वर्ष 2019 के दिसंबर के अंत में चीन में कोविड-19 का पहला केस पाया गया और आज अप्रैल 2020 के...

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