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उनके हिस्से की जमीन- नीलांजन मुखोपाध्याय

इतिहास उलट कर देखें, तो जमीन झगड़ा-फसाद का एक बहुत बड़ा कारण रही है। जब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अस्तित्व में नहीं आई थी, और रीयल एस्टेट व छोटे प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीनों की बिक्री का चोखा धंधा नहीं पनपा था, तब जमीन सांस्कृतिक वस्तु थी और परंपरा से जुड़ी थी। बड़े शहरों में काम करने और होली-दिवाली जैसे त्योहारों पर अपने पैतृक गांवों में जाने वाले असंख्य लोग अब...

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खनन की नैतिकता और भावी पीढ़ियों के लिए एक साझा कोष बनाने का सवाल

गोवा फाऊंडेशन और इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज के सहयोग से सीएसडीएस का पब्लिक्स एंड पॉलिसिज् प्रोग्राम खनन और जीविका से संबंधित एक विचार-विमर्श “ परमानेंट फंड मॉडेल फॉर ईथीकल माइनिंग: लैंड, लाइवलीहुड एंड इन्टरजेनरेशनल इक्विटी” शीर्षक से आयोजित कर रहा है। यह विचार-विमर्श भू-संपदा पर भावी पीढियों के हक के मसले के इर्द-गिर्द होगा। विचार-विमर्श की शुरुआत 18 फरवरी के दिन इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक दिन के...

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खाद्य-सुरक्षा: बदले बदले से सरकार नजर आते हैं- चंदन श्रीवास्तव

शांता कुमार की अगुवाई में बीते अगस्त में बनी उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीन ऐसी सिफारिशें की हैं, जो सीधे-सीधे खाद्य-सुरक्षा अधिनियम यानी भोजन का अधिकार कानून में प्रदान की गयी हकदारियों पर चोट करती हैं. केंद्र सरकार सोचती है कि लोक-कल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार होने से कुछ अच्छा होता है, तो भ्रष्टाचार अच्छा है. योजनाओं में भ्रष्टाचार का होना सरकार को चलती हुई योजनाओं से हाथ खींचने...

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पशुपालन है भूमिहीन परिवारों की जीविका का मुख्य आधार- एनएसएसओ की रिपोर्ट

गंवई इलाकों में सबसे गरीब लोगों के लिए पशुपालन अब भी जीविका का मुख्य स्रोत बना हुआ है। एनएसएसओ की 17 वीं दौर की गणना पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार जिन खेतिहर परिवारों के पास 0.01 हैक्टेयर या इससे कम रकबे की जमीन है उनमें तकरीबन 20 प्रतिशत परिवार जीविका के लिए मुख्य रुप से पशुपालन पर निर्भर हैं। गौरतलब है कि ऐसे परिवारों में भूमिहीन परिवार भी शामिल...

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भारत-पाक के बीच गोलीबारी में फंसा सुनैना का ‘ब्रह्नास्त्र’

मीनापुर (मुजफ्फरपुर): अगर भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी नहीं होती, तो मुजफ्फरपुर के घोसौत की पांचवीं पास सुनैना देवी 11 अक्तूबर को अपने जैविक ‘ब्रह्नास्त्र' के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बता चुकी होतीं. सुनैना के ‘ब्रह्नास्त्र' से देश के दुश्मन नहीं, बल्कि खेतों के दुश्मन खर-पतवार व कीट-पतंगे मरते हैं. इसी के बारे में जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पीएमओ बुलाया था. सुनैना दिल्ली जाने के...

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