-जनपथ, VOICES मुजफ्फरनगर में दस लाख किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत, 27 को भारत बंद September 5, 2021 - by जनपथ - Leave a Comment संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस विज्ञप्ति 283वां दिन, 5 सितंबर 2021 मुजफ्फरनगर किसान मजदूर महापंचायत को एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा और यह भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा: एसकेएम एसकेएम ने 27 सितंबर को भारत बंद को पूरे देश में एक बड़ी सफलता बनाने का आह्वान किया एसकेएम उन लाखों किसानों को...
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ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिपाते हैं जरूरी जानकारियां, नहीं बरतते पारदर्शिता
-न्यूजलॉन्ड्री, प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्यों में बनाये गये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आंकड़ों और जानकारियां साझा करने में जितना पारदर्शी होना चाहिए, उतना पारदर्शी नहीं हैं. ज्यादातर बोर्ड जरूरी जानकारियां छिपाते हैं. हैरानी की बात ये है कि अधिकतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मौजूदा प्रदूषण स्तर के आंकड़ों को लेकर भी अपेक्षित पारदर्शी नहीं हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कई मानकों पर देश के 29 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड...
More »19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सांसदों-विधायकों के खिलाफ 3000 से अधिक मामले लंबित, सुको ने कहा स्थिति चिंताजनक
-कारवां, 24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एमिकस क्यूरी अथवा न्याय मित्र विजय हंसारिया द्वारा पेश एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा और पूर्व विधायकों तथा संसदों के खिलाफ कम से कम 3211 मामले लंबित हैं. 2016 में दायर सांसदों के खिलाफ कानूनी मामलों की एक याचिका की सुनवाई के हिस्से के रूप में पेश हंसारिया की यह 14वीं रिपोर्ट है. हंसारिया वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. 24 अगस्त की रिपोर्ट में उन मामलों के बारे...
More »क्या जीएम सोयामील आयात की अनुमति का फैसला देश में जीएम फसलों का रास्ता खोलेगा
-रूरल वॉइस, केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टर जनरल ऑफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने 12 लाख टन जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सोयाबीन से तैयार सोयामील के आयात की अनुमति की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए आयात नीति 2017 के उस प्रावधान में रियायत दी गई है जिसके तहत जीएम सोयामील के आयात के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की अनिवार्यता है। इस फैसले के बाद...
More »जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
-डाउन टू अर्थ, अब किसी “शायद” की गुंजाइश नहीं बची है। जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविक है और इसके खतरे आसन्न तो हैं ही, भविष्य भी भयावह है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट का यह संदेश हमारे आसपास हो रहे बदलावों की पुष्टि करता है। अत्यधिक गर्मी के कारण जंगल की आग से लेकर अत्यधिक बारिश की घटनाओं के कारण आती विनाशकारी बाढ़ और समुद्र एवं भूमि की...
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