जानवर और इंसान में यही फर्क है कि इंसान कुछ नियमों से संचालित होता है, जो व्यवस्थित जीवन की जरूरी शर्त है, अन्यथा तो एक जंगल राज होगा, जहां बलशाली ही राज करता है। व्यवस्थित जीवन का मतलब है, एक तरह का संवाद संतुलन, जो किसी एक घटक को किसी भी स्तर पर निरंकुश होने का अधिकार नहीं देता। आजादी कैसी भी हो, आत्मसंयम मांगती है। भारतीय संविधान कुछ मौलिक...
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आधार मतलब निगरानी का आधार नहीं-- अजय भूषण पाण्डेय
न्यूयॉर्क टाइम्स में आठ अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट ‘इंडियाज बिग ब्रदर प्रोग्राम' यह धारणा बनाने की कोशिश है कि जैसे भारत आधार के रास्ते एक ‘ऑरवेलियन राज्य' में तब्दील हो रहा हो। सच तो यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक प्रौद्योगिकी वाला यह मंच (आधार)1.2 अरब लोगों को अपनी पहचान ऑनलाइन बनाने की क्षमता देने के साथ ही, उन्हें वांछित हिस्सेदारी हासिल करने और अपने अधिकारों का इस्तेमाल...
More »ऊर्जा जरूरतों के लिए दूरदर्शी नजरिया- जी पार्थसारथी
हमारे पश्चिमी आसपड़ोस में आज शिया-सुन्नी झगड़े के अलावा अरब-फारसी-इस्राइली प्रतिद्वंद्विता से जिस तरह की भू-राजनीतिक स्थितियां बनी हैं, उस तरह के हालातों का सामना भारत को 1973 में हुए अरब-इस्राइली युद्ध के बाद वाले लगभग चार दशकों से नहीं करना पड़ा है। तब सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब तेल निर्यातक संघ (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अरब पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) ने कनाडा, जापान, नीदरलैंड, अमेरिका और यू.के. को तेल देने पर...
More »बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम में निजता की सुरक्षा करे भारत : IMF
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत से आधार जैसे बड़े पहचान कार्यक्रम में निजता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी कदम उठाने के लिए कहा है। वैश्विक वित्तीय निकाय ने भारत को बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली में लीडर माना है। डिजीटल गवर्नमेंट पर आईएमएफ ने अपनी वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में कहा है डिजीटलाइजेशन से मजबूत संचालन और वित्तीय पारदर्शिता लाई जा सकती है। आईएमएफ ने एक दिन पहले गुरुवार को कहा था...
More »कचरे के निपटारे की चुनौती-- मोनिका शर्मा
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2047 तक भारत में कूड़े का ‘उत्पादन' पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका अर्थ है कि हमारा देश दुनिया भर में कूड़े का सबसे बड़ा उत्पादक बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह बहुत चिंताजनक है, एक ऐसे देश में, जहां कूड़ा प्रबंधन पहले से ही बहुत बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं, हमारे यहां पारंपरिक तरल और ठोस कूड़े के अलावा...
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