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आरबीआई की रिपोर्ट- नोटबंदी के बाद चार खरब रुपये घट गई थी लोगों की ग्रॉस एसेट्स

RBI की तिमाही रिपोर्ट में आमलोगों पर नोटबंदी के व्‍यापक असर की तस्‍वीर सामने आई है। ‘हाउसहोल्‍ड फायनेंशियल एसेट्स एंड लायबलिटीज' नाम से जारी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोटों को वापस लेने के फैसले का स्‍पष्‍ट प्रभाव दिखा है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर, 2016 में ग्रॉस फायनेंशियल एसेट्स (सकल वित्‍तीय संपत्तियां) का कुल मूल्‍य 141 ट्रिलियन रुपये था। दिसंबर, 2016 तक...

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आम आदमी के पैसे लुटाते बैंक-- आशुतोष चतुर्वेदी

देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक- पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार 500 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. जो नये तथ्य सामने आ रहे हैं, उनके अनुसार यह घोटाला और बड़ा हो सकता है. इसके पहले कई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बड़े कॉरपोरेट घरानों को करोड़ों का कर्ज देकर हाथ जला चुके हैं. यह मामला तो बेहद गंभीर है. यह घपला पिछले सात साल से...

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सरकार, विपक्ष, किसान नेता: किसी के एजेंडे में किसान नहीं

नई दिल्‍ली। महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश के मंदसौर से शुरू हुए‍ किसान आंदोलन की आहट उत्‍तर प्रदेश में भी पहुंच चुकी है। यहां के किसान संगठन भी इस बात से नाराज हैं कि योगी सरकार ने 1 लाख रुपए तक ही लोन माफ किया है। इसके अलावा इसमें भी तमाम तरह की शर्ते जोड़ दी गईं हैं। लेकिन पिछले 15 दिन से नेशनल मीडिया में किसानों के मुद्दे पर चल...

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स्थायी नौकरियों का मकड़जाल - मृणाल पांडे

बेरोजगारी फिलहाल देश की बड़ी चिंताओं में पहले पायदान पर है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि गत एक बरस में 18-25 की उम्र के 70 लाख युवाओं ने संगठित क्षेत्र में रोजगार पाया, इसका प्रमाण सरकारी बही में दर्ज कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) के 70 लाख नए खाते हैं। इस आशावादी घोषणा का आधार थी (विगत जनवरी में छपी आईआईएम के प्रोफेसर पुलक घोष व एक राष्ट्रीयकृत...

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महानगरों के दड़बे-- अभिषेक कुमार

भारत जैसे आबादीबहुल देश में रोटी और कपड़े के बाद तीसरी सबसे अहम जरूरत मकान की उपलब्धता का इस वक्त क्या हाल है, इसका अंदाजा सरकारी आवासीय योजनाओं में आवेदकों की संख्या से होता रहा है। पर इन योजनाओं में फ्लैट के नाम पर काल कोठरी या मुर्गी के दड़बे जैसा घर देने की जो परंपरा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछली दो योजनाओं से शुरू की, उसका नतीजा यह...

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