भोपालपटनम। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के सेंड्रा पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवारों के लोग 35 किलो चावल के लिए चार दिन का सफर तय कर रहे हैं। दो अन्य पंचायतों के लोगों का भी यही हाल है। 2005 में सलवा जुडूम शुरू होने के बाद भोपालपटनम ब्लॉक के तीन पंचायतों सेंड्रा, बड़ेकाकलेड व एड़ापल्ली के सरकारी राशन दुकानों को ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट किया गया था। इन तीन...
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NTPC हादसा: मृतकों की संख्या बढ़कर 33 हुई, UP सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रायबरेली में एनटीपीसी के विद्युत संयंत्र में हुए हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को गुरुवार को नोटिस जारी करके छह सप्ताह में जवाब मांगा। वहीं हादसे में मरने वालों की संख्या 33 पहुंच गई है। लखनऊ और रायबरेली के अस्पतालों में भर्ती कराए गए 11 और घायलों ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर. के. सिंह ने हादसे की...
More »क्या सोचने पर पहरा है?-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
मनुष्य के जातीय गुणों पर चिंतन करनेवाले विद्वानों का मानना है कि सोचने की क्षमता मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करता है. सोचने की क्षमता के कारण मनुष्य ज्ञान-विज्ञान का विकास कर पाता है. जब हम कहते हैं कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध आधिकार है, तो इसका मतलब होता है कि सोचने की स्वतंत्रता हमारा मानवाधिकार है. ऐसे में यदि कोई सरकार या समाज मनुष्य के सोचने पर पहरा लगाना...
More »बेरोजगारी का दंश, जाति के तर्क--- ए. श्रीनिवासन
बीते शनिवार को मशहूर दलित लेखक और एक्टिविस्ट कांचा इलैया को हैदराबाद के उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। आंध्र और तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षात्मक वजहों से यह नजरबंदी की, ताकि इलैया को अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर विजयवाड़ा में भाषण देने जाने से रोका जा सके। अपने लेखन से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए कांचा इलैया को जान से मारने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इलैया...
More »अभी बाकी है समानता की लड़ाई - तसलीमा नसरीन
सऊदी अरब ने महिलाओं के गाड़ी चलाने पर जारी प्रतिबंध को कुछ दिन पूर्व हटा लिया है। महिलाएं अब अगले साल जून से गाड़ियां चला सकेंगी। यह एक बड़ी खुशखबरी है। 1990 में पहली बार महिलाएं गाड़ी चलाने का अधिकारी मांगने को सड़क पर उतरी थीं। 47 महिलाओं ने रियाद शहर में गाड़ी ड्राइव की थी। उन सबको गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं, उनमें से कुछ की तो नौकरी...
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