पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में एडमिशन लिये बच्चों में आधे से कम बच्चे ही नियमित रूप से स्कूल आते हैं. कोई बच्चा दो-तीन दिन नियमित रूप से आ गया तो अगले एक-दो दिन वे स्कूल से गायब हो जाता है. इसका खुलासा प्रारंभिक स्कूलों में बांटी जाने वाली पोशाक योजना की राशि के लिए छात्रों के नामों की लिस्टिंग से हुई है. प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित 2.14 करोड़...
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क्या सोचने पर पहरा है?-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
मनुष्य के जातीय गुणों पर चिंतन करनेवाले विद्वानों का मानना है कि सोचने की क्षमता मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करता है. सोचने की क्षमता के कारण मनुष्य ज्ञान-विज्ञान का विकास कर पाता है. जब हम कहते हैं कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध आधिकार है, तो इसका मतलब होता है कि सोचने की स्वतंत्रता हमारा मानवाधिकार है. ऐसे में यदि कोई सरकार या समाज मनुष्य के सोचने पर पहरा लगाना...
More »लोकतंत्र का गड़बड़ लेखा-- अरुण कु. त्रिपाठी
वर्ष 2015-16 के बारे में एसोसिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म्स (एडीआर) की ताजा रपट बताती है कि हमारे लोकतंत्र का हिसाब गड़बड़ है. आयकर विभाग की सारी चुस्ती राजनीतिक दलों के दरवाजे पर आकर ठिठक जाती है और चुनाव आयोग भी उन अंधेरे हिस्सों में रोशनी डालने की कोशिश नहीं करता, जो पार्टियों के गुप्त तहखाने कहे जा सकते हैं. यह स्थितियां फिर हमारे लोकतंत्र को पारदर्शी और नैतिकता पर आधारित...
More »भुखमरी से निपटने की चुनौती-- निरंकार सिंह
दुनिया की 7.1 अरब आबादी में अस्सी करोड़ यानी बारह फीसद लोग भुखमरी के शिकार हैं। बीस करोड़ भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या के साथ भारत इसमें पहले नंबर पर है। यह हाल तब है जब दुनिया में भरपूर अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की पैदावार हो रही है। दुनिया भर में कहीं गृहयुद्ध तो कहीं प्राकृतिक आपदाओं के चलते लोग अपने घरों, अपने देश से दर-बदर हो रहे...
More »झारखंड में ‘हिंदू’ डीलर ने रोका ‘ईसाइयों’ का राशन
रेहलदाग के शिवा भुइयां को दो महीने से राशन नहीं मिला है. उनके पास राशन कार्ड है. जो इस बात का प्रमाण है कि वह जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के विक्रेता (डीलर) से अपने परिवार के लिए आवंटित राशन ले सकते हैं. इसके बावजूद उनके गांव में राशन वितरण के लिए अधिकृत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ने उन्हें सितंबर महीने में राशन नहीं दिया क्योंकि वे ईसाई हैं और उन्होंने दुर्गा पूजा...
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