सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
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बारिश से तबाह किसानों को मोदी ने दी बड़ी सौगात
बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि से तबाह हुए लाखों किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े ऐलान किए। नई व्यवस्था के तहत अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी फसल खराब होने पर भी किसान मुआवजे के हकदार होंगे। प्रधानमंत्री ने मुआवजे की राशि में भी 50 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन...
More »बरबाद हुई फसल के लिए किसानों को मिलेगा डेढ़ गुना मुआवजा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से फसलों के भारी नुकसान का संकट झेल रहे किसानों को सरकार ने मुआवजा राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुना कर बड़ी राहत दी है। बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसल के लिए मुआवजे की राशि बढ़ा कर डेढ़ गुना करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुद्रा बैंक की लांचिंग के मौके पर की। साथ ही वह किसान भी हकदार होगें जिनकी 33...
More »किसानों को केंद्र से मिली राहत की असलियत, नुकसान की भरपाई दूर की कौड़ी- हरवीर सिंह
भू-अधिग्रहण और किसानों की खुदकुशी के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को किसान हितैषी फैसलों की झड़ी लगाकर अपने राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की भरपूर कोशिश की है। इन उपायों के तहत बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। नुकसान के आकलन के लिए 50 फीसदी सीमा को घटाकर 33 फीसदी करने, प्रभावित किसानों को कर्ज अदायगी में ज्यादा मोहलत और...
More »उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
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