गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
More »SEARCH RESULT
शिक्षा के नाम पर राजनीति- मनीषा प्रियम
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद्द करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले से देश में बच्चों की शिक्षा को लेकर राजनेताओं की मंशा पर सवाल पैदा हुआ है। मुद्दा उत्तर प्रदेश में यह था कि मायावती की सरकार ने 1999 में शिक्षकों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की। ये शिक्षक पंचायत शिक्षामित्र कहलाए। इनके लिए वांछित न्यूनतम योग्यता पूर्णकालिक शिक्षकों के लिए...
More »झारखंड- राज्य में स्कूली बच्चों को दी जायेगी विधालय किट के लिए राशि
रांची: राज्य में स्कूली बच्चों को पहली बार नि:शुल्क विद्यालय किट दिया जायेगा. इसके तहत सरकारी विद्यालयाें में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को शिक्षण सामग्री, स्कूल बैग व जूता-मोजा दिया जायेगा. योजना का लाभ उसी बच्चे को मिलेगा जिसकी कक्षा में उपस्थिति 50 प्रतिशत होगी. इस पर कुल तीन अरब दस करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना का पूरा वित्तीय...
More »स्कूली शिक्षा और कोर्ट का फैसला- योगेन्द्र यादव
इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के दो दिन बाद मेरे पास इमेल से एक अनजाने व्यक्ति की चिठ्ठी आयी. लिखनेवाली महिला कभी उत्तर प्रदेश सरकार में काम कर चुकी थीं, आजकल विदेश में हैं. चिठ्ठी बड़ी ईमानदारी और शालीनता से लिखी गयी थी. चिठ्ठी में उन्होंने पूछा कि हमने और स्वराज अभियान से जुड़े साथियों ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के उस फैसले का स्वागत क्यों किया, जिसमें सभी सांसदों, विधायकों, सरकारी अफसरों सहित...
More »बालिका इन्सेंटिव योजना 6 सालों से खा रही धूल
रायगढ़ (निप्र)। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा इन दिनों जोर-शोर से उठाया जा रहा है। इस अभियान तहत प्रदेश के सिर्फ रायगढ़ जिले को जोड़ा ही गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तहत तमाम तरह की कवायद की जा रही है। बावजूद इसके आज भी ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में बेटियों की संख्या बेहद कम है। बेटियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने बालिका इन्सेंटिव योजना की भी...
More »