बजट-2016 को सरकार ने विकास का बजट कहा और अखबारों ने सुर्खियां लगायीं-- ‘नमो ! ग्राम देवता’, ‘किसानों, गरीबों का बजट’, ‘अबकी बार, गांव चली सरकार’, ‘मेरा गांव, मेरा देश’! लेकिन किसानों और वंचित तबके के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे नागरिक संगठनों की राय एक अलग ही कहानी बयां करती है. सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के ग्रामीण परिवारों की भुखमरी की स्थिति पर अपने सर्वेक्षण और हालात में फौरी राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट...
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गांव से निकलेगा विकास का हाइवे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कोशिश की है. यह कोशिश सोमवार को लोकसभा में पेश वर्ष 2016-17 के बजट में दिखती भी है. किसानों से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए सरकार ने अपनी झोली खोल दी है. किसानों का ऋण कम करने के लिए 15 हजार करोड़ का एक कोष बनाने की घोषण एक अच्छी पहल है. पिछले दो-तीन साल से कम...
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कोशिश की है. यह कोशिश सोमवार को लोकसभा में पेश वर्ष 2016-17 के बजट में दिखती भी है. किसानों से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए सरकार ने अपनी झोली खोल दी है. किसानों का ऋण कम करने के लिए 15 हजार करोड़ का एक कोष बनाने की घोषण एक अच्छी पहल है. पिछले दो-तीन साल से कम...
More »पहली बार किसी सरकार ने गांव के किसानों पर पूरा ध्यान दिया है- लार्ड मेघनाद देसाई
यह आम बजट आम आदमी का बजट है. बहुत ही अच्छा बजट है. सरकार ने इस बजट में गांव में रहनेवाले आम आदमी को राहत पहुंचाने का काम किया है. अब तक होता यह रहा है कि फायदा तो आम आदमी को जरूर पहुंंचता था, लेकिन उसका ज्यादातर लाभ शहरी आम आदमी उठा ले जाते थे. लेकिन, इस बार सरकार ने इस पर खास ध्यान रखा है. सरकार ने कृषि...
More »ग्रामीण मांग बढ़ाने की जरूरत- बी के चतुर्वेदी
पिछले वर्ष जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने पहले पूर्ण बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब अनेक लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि वह कोई ऐसा नीतिगत दस्तावेज पेश करेंगे, जिससे मोदी सरकार के वायदों को पूरा करने की ठोस जमीन तैयार हो। इस बार जब वह बजट पेश करेंगे, तो अपेक्षाएं अचानक बहुत बदल गई हैं। राष्ट्र अब कुछ प्रमुख मुद्दों पर विश्वसनीय समाधान की...
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