-ऐक्शन एड, अनियमित कामगारों के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, “लॉकडाउन से अब तक 75% से ज़्यादा कामगार अपना रोज़गार गँवा चुके हैं.” देश भर में, 11,500 अनियमित कामगारों के साथ किए गए एक सर्वे के अनुसार, “लॉकडाउन के दौरान खाद्य उपभोग प्रभावित हुई है. सर्वेक्षित 11,537 में से तीन-चौथाई से भी अधिक लोगों ने बताया कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद उनका रोज़गार चला गया. इनमे से क़रीब आधे लोगों ने कहा कि उनकी इस दौरान कोई आय नहीं हुई, 17% लोगों का कहना था कि उन्हें आंशिक वेतन ही प्राप्त हुआ. तक़रीबन 53% लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनके क़र्ज़ में इज़ाफ़ा हुआ. क़रीब...
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मातृ मृत्यु के SDG-3 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें दक्षिणी राज्यों से सीखने की आवश्यकता है
मातृ मृत्यु अनुपात पर जारी नए विशेष बुलेटिन से पता चलता है कि साल 2014-16 में भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMRatio) 130 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म था जोकि साल 2015-17 में घटकर 122 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म हो गया, और यह साल 2016-18 के दौरान घटकर 113 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म रह गया है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार, मातृ...
More »‘सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है, क्या वे देश की नागरिक नहीं हैं’
-द वायर, देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. सरकारी नीतियों से खफा इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी कुछ मांगों के साथ बीते नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके...
More »पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत
हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...
More »क्या कमज़ोर हो रहा है लोकतंत्र और सरकार के सामने झुक रहा है भारतीय मीडिया?
-बीबीसी, बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में दिए एक वर्चुअल भाषण में कहा था कि 'भारत ने कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई को एक जनआंदोलन बना दिया है'. मोदी के इस बयान को भारतीय मीडिया में ख़ूब कवरेज मिली, लेकिन हैरत की बात ये है कि किसी ने भी प्रधानमंत्री के दावों को चुनौती नहीं दी. ये अलग बात है कि भारत में संक्रमण...
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