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मनरेगा योजना से क्यों दूर हो रहे हैं मजदूर?

जनचौक, 8 फरवरी ग्रामीण विकास विभाग की अति महत्वाकांक्षी समझी जाने वाली योजना ‘महात्मा गांधी राष्टीय रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) में आई कई विसंगतियों के कारण आज मजदूरों में इसके प्रति रुचि नहीं रह गई है। जिसके कारण मनरेगा की योजनाओं में काम करने वाले मजदूरों की संख्या घटती चली गयी है। पहले जहां झारखंड में प्रतिदिन 8 लाख मजदूर काम कर रहे थे, अब वह घटकर 3.5 लाख तक सिमट...

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मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022

भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...

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जोशीमठ: सरकार ने संस्थानों के मीडिया से बातचीत पर रोक लगाई; इसरो ने धंसाव संबंधी रिपोर्ट वापस ली

द वायर, 16 जनवरी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने दर्जन भर सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में भू-धंसाव के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा नहीं करने का निर्देश दिया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, निर्देश में कहा गया है कि उनके द्वारा की गई ‘स्थिति की व्याख्या’ न सिर्फ प्रभावित निवासियों, बल्कि देश के नागरिकों के बीच...

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कम भुगतान, कम सम्मान: भारत के जिलों में मुफ्त कानूनी सहायता की गुणवत्ता खराब क्यों है?

इंडियास्पेंड, 02 जनवरी दिल्ली के कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में आयुष* फ्री कानूनी सहायता देने वाले आपराधिक मामलों के वकील हैं और उन लोगों की मदद करते हैं जो वकीलों का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने इंडिया स्पेंड को बताया कि वे हर महीने औसतन लगभग 5,000 रुपए कमाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उदय यू. ललित ने अप्रैल 2022 में अपने एक बयान में कहा, "गरीबों को कानूनी सहायता देने का...

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एग्रीकल्चर ग्रोथ महामारी से पहले के स्तर को पार, लेकिन अन्य क्षेत्र अभी भी पीछे बने हुए हैं

दिप्रिंट, 29 दिसंबर सरकारी डेटा बताता है कि दो साल तक कोविड और अन्य चुनौतियां झेलने के बाद इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ा पटरी पर आती नजर आ रही है लेकिन केवल कुछ क्षेत्रों में ही प्रदर्शन महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर पाया है. खासकर कृषि क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) का राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएसए) डेटा दिखाता है कि कुल मिलाकर,...

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