जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के वैसे तो तमाम फायदे गिनाये जा रहे हैं लेकिन इससे एक ऐसे फायदे की भी उम्मीद लगाई गयी है जिसका इंतजार आम जनता से लेकर उद्योग जगत सभी कर रहे हैं। यह लाभ है ब्याज दरों में कमी का। कई जानकारों का कहना है कि जीएसटी लागू होने से देश में कारोबार करने की राह जिस तरह से आसान होगी, उससे देश...
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नौकरियों के लिए मुश्किल भरे दिन-- आकार पटेल
भारत ने उस प्रक्रिया की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, जिसे अनेक लोग बीते दो दशक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रहे हैं. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से अप्रत्यक्ष कर सरल होंगे और कुछ लोगों की समझ में इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. कुछ इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी नजर में भी यह एक अहम सुधार है. हम अन्य किन सुधारों की उम्मीद...
More »शिक्षा भी, मजदूरी भी-- कृष्ण कुमार
कहते हैं, शब्दों की अपनी दुनिया होती है। कवि और कहानीकार शब्दों के जरिए हमें किसी और दुनिया में ले जाते हैं। फिर कानून रचने वाले क्यों पीछे रहें? नए बाल मजदूरी कानून का प्रयास कुछ ऐसा ही है। यह कानून कहता है कि छह से चौदह वर्ष के बच्चे स्कूल से घर लौट कर किसी ‘पारिवारिक उद्यम' में हाथ बंटाएं तो इसे मजदूरी नहीं माना जाएगा। इस सुघड़ तर्क...
More »सुधार की दिशा में बहुत बड़ा कदम - मोहन गुरुस्वामी
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी बिल) एक राष्ट्रीय मूल्यवद्र्धित कर प्रणाली प्रस्तावित करता है। वैसे तो इसे जून 2016 तक कानून का रूप ले लेना चाहिए था, लेकिन सत्तापक्ष-विपक्ष में टकराव की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। अब लगता है कि जल्द ही यह कानून बन जाएगा। बुधवार को यह बिल सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लंबी चर्चा के जरिए बनी सहमति के बाद राज्यसभा में पारित हो...
More »टीवी एंकरों की बढ़ती ताकत! --- आकार पटेल
क्या हमारे देश में टेलीविजन एंकर बहुत ज्यादा ताकतवर हो गये हैं? मैं तो हां कहूंगा, खासकर टाइम्स नाउ के अर्नब गोस्वामी जैसे अंगरेजी के एंकर. यहां टेलीविजन एंकरों को ताकतवर कहने से मेरा तात्पर्य है कि वे रोजाना की बहस और महत्वपूर्ण बातों को प्रभावित कर सकते हैं. यह ताकत प्रिंट और इंटरनेट के बड़े पत्रकारों के पास नहीं है. मेरा यह भी कहना है कि अर्नब गोस्वामी जैसे...
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