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धर्मनिरपेक्ष नेतृत्व की चुप्पी का फल-- राजदीप सरदेसाई

सुधींद्र कुलकर्णी से बहुत पहले निखिल वागले और आपके इस मामूली स्तंभकार जैसे कई लोग शिवसेना के शिकार बन चुके हैं। 1991 में शिवसेना ने भारत-पाक क्रिकेट शृंखला के विरोध में वानखेड़े स्टेडियम का पिच खोद दिया था। मैंने इसकी कठोरतम शब्दों में आलोचना करते हुए लेख लिखा। जहां मैं काम करता था उस टाइम्स ऑफ इंडिया, मुंबई के दफ्तर के बाहर काले झंडे दिखाए गए, अपशब्द कहे गए, लेकिन...

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वकालत के अपराधीकरण पर लगाम-- विराग गुप्ता

न्यायिक व्यवस्था के पतन एवं सड़ांध पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने माननीय न्यायाधीशों से बुर्का पहनकर बाहर घूमने का आग्रह किया, जिससे उन्हें बेंच (अदालतों) की नाकामी की हकीक़त पता चल सके, लेकिन इस सड़ांध की जिम्मेदारी सिर्फ जजों पर ही क्यों? कुछ दिन पूर्व दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लॉ की फर्जी डिग्री के आरोप में...

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विचाराधीन कैदियों का सवाल-- चंदन श्रीवास्तव

जानते सभी हैं कि देश की विभिन्न जेलों में फिलहाल क्षमता से ज्यादा कैदी रखे गये हैं, लेकिन जेलों के कैदियों से भरते जाने के सही कारण का पता अकसर लोगों को नहीं होता. सामान्य बुद्धि यही कहेगी कि जेलों में कैदी ज्यादा हैं, यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि समाज में अपराध बढ़ रहे हों और बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन एकदम...

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दुर्ग में डेढ़ माह से तीन मासूमों को बंधक बनाकर ठेला लगवाया

दुर्ग (ब्यूरो)। बाल संरक्षण विभाग की टीम ने डेढ़ माह से बंधक बनाकर रखे गए तीन मासूम बच्चों को शुक्रवार की रात छुड़ाया। बच्चों को घूमाने के नाम पर राजस्थान से दुर्ग में लाया गया था। उन्हें आइसक्रीम बेचने के काम में लगाया गया था। बाल संरक्षण विभाग की टीम ने शुक्रवार रात करीब दस बजे के आसपास रेसक्यू ऑपरेशन चलाकर बच्चों को मुक्त कराया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गजानंद मंदिर...

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राजस्थान-- तारीख पर तारीख लेकिन सुनवाई सिफर

राजस्थान में जेल-प्रशासन एक तिहाई विचाराधीन कैदियों को सुनवाई की तारीख पर अदालत में पेश नहीं कर पाता, क्या आप सोच सकते हैं क्यों ? विचाराधीन कैदियों को निर्धारित तारीख पर अदालत में पेश ना कर पाने की वजह है एस्कार्ट के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस-बल का ना होना ! मानवाधिकारों के लिए सक्रिय कॉमनवेल्थ ह्यूमनराइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार बीते बीस सालों में राजस्थान के जेलों में...

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